Tuesday, 08 April 2025

मंगलायतन विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ 11 वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विद्यार्थियों को दी शुभकामनाएं


मंगलायतन विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ 11 वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विद्यार्थियों को दी शुभकामनाएं

मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ़ में रविवार को 11 वां दीक्षांत समारोह भव्यता और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान थे, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्व, समाज के प्रति दायित्व और विद्या के वास्तविक उद्देश्य पर गहन विचार रखे। उन्होंने कहा कि शिक्षा का कार्य सबसे बड़ा धर्म है, क्योंकि इससे न केवल व्यक्ति का बल्कि पूरे समाज का सशक्तिकरण होता है।

राज्यपाल मोहम्मद खान ने विद्यार्थियों को निरंतर सीखने, मानवीय मूल्यों को अपनाने और संस्कारों की रक्षा करते हुए जीवन को दिशा देने की प्रेरणा दी। उन्होंने भारतीय संस्कृति की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि विविधता में एकता ही हमारी असली पहचान है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने NEP 2020 की विशेषताओं को उजागर करते हुए कहा कि अब शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि रोजगार, कौशल और संस्कार से भी जुड़ रही है।

उपाधियों का वितरण एवं पदक विजेता:दीक्षांत समारोह में स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, प्रमाणपत्र धारक और पीएचडी छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं।

स्वर्ण पदक विजेता:कीर्ति गौड़, नियाजी उज्मा, प्रज्ञा शर्मा, फुरकान कुरैशी, अतुल सिंह, मोनिका तिवारी, तहरीम जाफरी, सचिन कुमार शर्मा।

रजत पदक विजेता: पूजा, आफरीन मसर्रत, मेघा वार्ष्णेय, अक्षेका सक्सेना, चेतन बनवारी लाल शर्मा, सानिया खान, प्रियंका पाठक, लवली, धीरज कुमार शर्मा।

वक्ताओं के प्रेरणादायक विचार:

बिहार के राज्यपालआरिफ मोहम्मद खानने कहा कि गुरु और माता-पिता ही चाहते हैं कि उनके बच्चे उन्हें पीछे छोड़ आगे बढ़ें। शिक्षा का उद्देश्य आत्मबल और सेवा है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि कर्तव्यों के भान से ही विकसित भारत का निर्माण होगा। अब मेडल से आगे बढ़कर मॉडल बनने की आवश्यकता है।
कुलाधिपति अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि विद्यार्थी केवल नौकरी चाहने वाले न बनें, बल्कि नवाचार से उद्यमिता विकसित करें और देश को आत्मनिर्भर बनाएं।

कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने कहा कि शिक्षा एक सतत यात्रा है। यह समारोह विद्यार्थियों के समर्पण और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है।

गोल्ड मेडलिस्ट्स की प्रतिक्रिया: मोनिका तिवारी ने कहा कि गोल्ड मेडल मेरे जीवन का सबसे यादगार लम्हा है, जो मार्गदर्शकों की देन है।

फुरकान कुरैशी ने कहा कि मेहनत से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है, मंविवि सबसे बेहतरीन विकल्प है।
प्रज्ञा शर्मा ने कहा कि सफलता का श्रेय परिवार और शिक्षकों के सहयोग को भी जाता है।
कीर्ति गौड़ ने कहा कियह पदक मेरे लिए प्रेरणा है कि ज्ञान का उपयोग समाज सेवा में हो।
प्रमुख गतिविधियां: मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन,
दीक्षांत,स्मारिका का विमोचन,सभी पदाधिकारियों एवं अतिथियो को स्मृति चिन्ह भेंट,राष्ट्रगान के साथ समापन

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