जयपुर | राजस्थान में 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव अब जून से पहले नहीं हो सकेंगे। यह स्पष्टता राज्य सरकार द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट में पेश किए गए अतिरिक्त शपथपत्र (Additional Affidavit) से सामने आई है। सरकार ने अदालत को बताया कि पंचायतों और नगरपालिकाओं के पुनर्गठन और परिसीमन प्रक्रिया के लिए मार्च में अधिसूचना जारी की गई है, और यह प्रक्रिया मई-जून तक चलेगी। इसके बाद ही चुनाव कार्यक्रम तय किया जाएगा।
यह मामला हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए उठाया गया था, जिसमें जनवरी 2025 से पंचायत चुनाव स्थगित किए जाने को संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी गई थी।
राज्य सरकार ने पहले भी जवाब प्रस्तुत किया था, लेकिन उसमें चुनावों की समय-सीमा स्पष्ट नहीं की गई थी। हाईकोर्ट की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 4 फरवरी के आदेश की अनुपालना में सरकार को स्पष्ट चुनाव कार्यक्रम पेश करने का निर्देश दिया था।
सरकार ने अपने ताज़ा शपथपत्र में यह भी बताया कि जिन पंचायतों के चुनाव स्थगित किए गए हैं, वहां राजस्थान पंचायत राज अधिनियम, 1994 की धारा 95 के अंतर्गत प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। अधिनियम सरकार को प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार देता है और इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि प्रशासक कोई निर्वाचित प्रतिनिधि ही होना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा, जो याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पेश हुए, उन्होंने कहा कि यह चुनाव स्थगन संविधान के अनुच्छेद 243-E और 243-K के साथ-साथ राजस्थान पंचायत राज अधिनियम की धारा 17 का भी उल्लंघन है।
उन्होंने तर्क दिया कि:पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात चुनाव एक दिन के लिए भी स्थगित नहीं किए जा सकते।जिन सरपंचों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, वे अब सामान्य नागरिक (Private Person) माने जाते हैं।ऐसे लोगों को पंचायत प्रशासन में बनाए रखना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
राज्य सरकार ने 16 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी कर इन ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित किए थे।उस समय से ही यह मामला विवादों में रहा और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने वाला कदम बताया गया।राजस्थान में पंचायती राज प्रणाली लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाली प्रणाली मानी जाती है, ऐसे में हजारों पंचायतों में चुनाव नहीं होना स्थानीय शासन की निष्क्रियता का कारण बन सकता है।
अब जबकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पुनर्गठन और परिसीमन की प्रक्रिया जून तक पूरी होगी, ऐसे में ग्राम पंचायत चुनावों की अधिसूचना जून या उसके बाद ही जारी होने की संभावना है।हाईकोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई में यह देखेगा कि चुनाव टालने का यह आधार तर्कसंगत और संवैधानिक है या नहीं।