पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर राज्य की भाजपा सरकार और उसके नेताओं पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद "आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी" और "संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी" घोटालों की जांच लगभग ठप कर दी गई है, जिससे लाखों निवेशकों के साथ अन्याय हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सहकारिता मंत्री अमित शाह और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करने की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि राज्य की SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने कई मामलों में अब घोटालेबाजों को आरोपी मानने से भी इनकार कर दिया है, जो भाजपा सरकार की नियत और नीतियों पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने बताया कि आदर्श सोसायटी ने राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में आम लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की और ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस लूट से अर्जित संपत्तियों को अटैच किया, जिससे निवेशकों को उनकी राशि लौटाने की कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ सके।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंभीर आरोप लगाया कि 8 अप्रैल 2019 को अटैच की गई संपत्तियों में से कई का नामांतरण सिरोही के अधिकारियों द्वारा 2024-25 में लिक्विडेटर के नाम पर खोल दिया गया, वह भी बिना ईडी की अनुमति के। उन्होंने दावा किया कि 22 बीघा जमीन को हाल ही में बाजार मूल्य की एक-चौथाई दर पर नीलाम कर दिया गया, जो स्पष्ट करता है कि भाजपा नेता और सरकारी अधिकारी मिलीभगत कर रहे हैं और पीड़ित निवेशकों के हितों की अनदेखी कर रहे हैं।
इसी प्रकार संजीवनी सोसायटी घोटाले की जांच भी भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद धीमी या लगभग बंद कर दी गई है। गहलोत का कहना है कि SOG अब कई आरोपियों को आरोपी मानने से भी बच रही है, जिससे यह संदेश जा रहा है कि सरकार इन आर्थिक अपराधों को दबाने का प्रयास कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से निवेदन करता हूं कि वे इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लें और आदर्श और संजीवनी जैसी सोसायटियों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाएं।"