जयपुर:राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भवानी सिंह देथा द्वारा बिना शर्त माफी मांगे जाने के बाद उनके खिलाफ जारी अवमानना नोटिस को निस्तारित कर दिया। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशीलता बरतने की सख्त नसीहत भी दी।
जस्टिस उमाशंकर व्यास ने मौखिक टिप्पणी में कहा:“मैं मिडिल क्लास फैमिली से यहां तक आया हूं। मुझे पता है कि आमजन को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जब कोर्ट आदेश देता है और उसका पालन नहीं होता, तो एक पक्षकार को फिर से अवमानना याचिका दाखिल करने के लिए वकीलों के चक्कर काटने पड़ते हैं।”
उन्होंने कहा कि अधिकारी यदि खुद को आमजन की जगह रखकर सोचें, तो वे समझ पाएंगे कि कोर्ट के आदेशों की समय पर पालना क्यों आवश्यक है।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद आईएएस अधिकारी भवानी सिंह देथा ने बिना शर्त माफी मांगते हुए आश्वासन दिया कि भविष्य में सभी न्यायिक आदेशों का पालन समय से किया जाएगा। इसके पश्चात अदालत ने अवमानना याचिका को निस्तारित कर दिया।
यह मामला उन कई मामलों में एक उदाहरण है, जहां कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि न्यायिक आदेशों की अवहेलना न केवल अवमानना है, बल्कि यह आमजन के अधिकारों का भी उल्लंघन है। कोर्ट की टिप्पणी ने यह संदेश भी दिया कि प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों की समय पर, पारदर्शी और जवाबदेह कार्रवाई ही लोकतंत्र को मजबूत करती है।