लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को राजस्थान विधानसभा परिसर में बने 'कॉन्स्टिट्यूशन क्लब' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, मंत्री-विधायक सहित कई पूर्व विधायक और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
कांग्रेस विधायकों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी, लेकिन बसपा (BSP), भारत आगाड़ी पार्टी (BAP), राष्ट्रीय लोकदल (RLD) और निर्दलीय विधायक इस समारोह में शामिल हुए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल सदन शुरू होने से पहले विरोध की रणनीति बनाई जाती है, ताकि सदन न चलने पाए। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और हानिकारक बताया।
उन्होंने कहा:"लोकतंत्र में संवाद और चर्चा बेहद आवश्यक हैं। यह सुनिश्चित करना होगा कि विधायी चर्चाएं सकारात्मक हों और मुद्दों पर सार्थक बहस हो।"
बिरला ने यह भी कहा कि राजस्थान विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है, जहां से कई ऐसे विधेयक पारित हुए हैं, जो पूरे देश के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हुए।
ओम बिरला ने बताया कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब की अवधारणा 1947 में पहली बार आई थी, जिससे नीति निर्माण और विधायी चर्चाओं के लिए एक अनौपचारिक मंच स्थापित किया जा सके।
दिल्ली में स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया भी इसी उद्देश्य से स्थापित किया गया था।राजस्थान में बने इस क्लब का शिलान्यास पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने किया था।यह क्लब अब राज्य के विधायकों और नीति-निर्माताओं को एक मंच प्रदान करेगा, जहां वे संविधान, नीति-निर्माण और विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर सकें।बिरला ने कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं, लेकिन संस्थानों का महत्व और उपयोगिता बनी रहती है।