Saturday, 22 February 2025

राजस्थान बजट 2025-26 पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का हमला – असफल वित्तीय प्रबंधन और खोखली घोषणाओं का दस्तावेज


राजस्थान बजट 2025-26 पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का हमला – असफल वित्तीय प्रबंधन और खोखली घोषणाओं का दस्तावेज

राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस बजट को वित्तीय प्रबंधन की विफलता और जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ाने वाला बताया। जूली ने कहा कि भाजपा सरकार ने एक साल में राजस्थान पर 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ा दिया है और अगले साल तक हर नागरिक पर 1 लाख रुपये का कर्ज होगा।

भारी कर्ज और अधूरे वादों का बजट

जूली ने कहा कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह असफल है और बजट में इसकी झलक साफ दिखाई देती है। 2024-25 के लिए 2.65 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया था, लेकिन सरकार केवल 2.62 लाख करोड़ रुपये ही प्राप्त कर पाई। वहीं, राजस्व घाटा 25,758 करोड़ रुपये के लक्ष्य से बढ़कर 32,000 करोड़ रुपये पहुंच गया और राजकोषीय घाटा 70,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 84,643 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार कर्ज बढ़ाती जा रही है और आने वाले दिनों में यह 7.25 लाख करोड़ रुपये के पार चला जाएगा।

महंगाई और जनता के मुद्दों को किया नजरअंदाज

टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार के पास महंगाई से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि 2023-24 में कांग्रेस सरकार ने 19,000 करोड़ रुपये का महंगाई राहत पैकेज दिया था, लेकिन इस बार महंगाई पर एक शब्द भी बजट में नहीं आया।

उन्होंने सवाल किया कि पिछली सरकार द्वारा बनाई गई पांच वर्षीय कार्ययोजना के 10 संकल्पों का बजट में कोई जिक्र क्यों नहीं किया गया?

पिछले बजट की घोषणाएं अधूरी, नई घोषणाओं से जनता को गुमराह करने का प्रयास

टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार अधूरी योजनाओं को छोड़कर नई घोषणाओं के जरिए वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है।

  • पिछले बजट में जल जीवन मिशन के तहत 25 लाख नल कनेक्शन देने की घोषणा की गई थी, लेकिन आधे भी पूरे नहीं हुए।
  • मुख्यमंत्री खुद घोषणा पत्र की 50% घोषणाएं पूरी होने की बात कर चुके हैं, जबकि वित्त मंत्री ने इस बार 58% पूरा होने का दावा किया है। इसका मतलब यह है कि पूरे साल में सिर्फ 8% वादे ही पूरे हुए हैं।
  • राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने अब तक इसकी एक भी बैठक नहीं ली।

रिफाइनरी प्रोजेक्ट पर भाजपा सरकार की असफलता

पचपदरा रिफाइनरी को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए जूली ने कहा कि भाजपा सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पा रही है।

  • 31 दिसंबर 2024 तक रिफाइनरी में उत्पादन शुरू होना था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि 83% काम ही पूरा हुआ है।
  • पहले अप्रैल 2025 तक रिफाइनरी चालू करने की बात थी, अब इसे अगस्त 2025 तक टाल दिया गया है।
  • जब 2013 से 2018 तक भाजपा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रोके रखा, तब कांग्रेस सरकार ने इसे तेज गति से आगे बढ़ाया, लेकिन अब फिर से इसमें देरी हो रही है।

ERCP पर बनी असमंजस की स्थिति

टीकाराम जूली ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाया।

  • जब केंद्र सरकार 90% फंडिंग देगी, तो राज्य सरकार को 9,300 करोड़ रुपये देने की घोषणा करने की जरूरत क्यों पड़ी?
  • ERCP को एक नई योजना कहकर केंद्र से 90% फंडिंग लेने का दावा किया गया था, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसमें 9,300 करोड़ रुपये जोड़ दिए, जिससे संदेह और बढ़ गया है।

सरकारी संपत्तियों को बेचने की तैयारी

टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि सरकार "एसेट मॉनेटाइजेशन" के नाम पर सरकारी संपत्तियां बेचने जा रही है।

  • क्या राजस्थान सरकार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उसे अपने खर्च चलाने के लिए सरकारी संपत्तियां बेचनी पड़ेंगी?

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कटौती

  • राजस्थान मिनिमम गारंटी एक्ट के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन में हर साल 15% वृद्धि का प्रावधान किया गया था।
  • इस साल यह राशि 1,322 रुपये होनी चाहिए थी, लेकिन इसे सिर्फ 1,250 रुपये किया गया, जो अन्यायपूर्ण है।

सड़क निर्माण योजनाओं पर सवाल

टीकाराम जूली ने सरकार की 60,000 करोड़ रुपये की ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना को लेकर भी सवाल उठाए।

  • जब DPR में इसकी लागत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक बताई गई थी, तो सरकार आधे बजट में ये सड़कें कैसे बनाएगी?

  • टीकाराम जूली ने इस बजट को असफल वित्तीय प्रबंधन, बढ़ते कर्ज और अधूरी घोषणाओं का एक और उदाहरण करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट जनता को भ्रमित करने वाला है और इसमें विकास की ठोस योजनाओं का अभाव है। उन्होंने भाजपा सरकार पर राज्य की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने और जनता को महंगाई के बोझ तले दबाने का आरोप लगाया।
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