राजस्थान विधानसभा में कृषि मंत्री डॉ.किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग विवाद को लेकर चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बनी।
अब 19 फरवरी को भाजपा सरकार द्वारा पेश किए जा रहे बजट के दौरान विपक्ष कोई हंगामा नहीं करेगा और शांति से बजट सत्र को सुनेगा। 20 फरवरी को विपक्ष की मांग पर सत्ता पक्ष फोन टैपिंग मुद्दे पर जवाब देगा।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सरकार और विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक कर गतिरोध समाप्त करने का प्रयास किया।सभी पक्षों ने सहमति जताई कि बजट सत्र को बिना बाधा सुना जाएगा।अगर विपक्ष फोन टैपिंग मामले पर जवाब मांगता है, तो 20 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद इस पर चर्चा होगी।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सर्वदलीय बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई।विपक्ष को आश्वासन दिया गया है कि अगर वह फोन टैपिंग मामले पर चर्चा की मांग करता है, तो 20 फरवरी को सरकार इस पर जवाब देगी।उन्होंने कहा कि अब 19 फरवरी को बजट सत्र सुचारू रूप से चलेगा और विपक्ष इसमें बाधा नहीं डालेगा।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया था कि उनकी बातचीत की जासूसी की जा रही है।विपक्ष ने इस मुद्दे पर विधानसभा में लगातार हंगामा किया, जिससे कार्यवाही बाधित हो रही थी।सरकार ने कहा कि विपक्ष इस मामले का राजनीतिकरण कर रहा है, लेकिन अब सहमति बन गई है कि सरकार इस पर जवाब देगी।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि बुधवार 19 फरवरी को सदन में प्रदेश का बजट प्रस्तुत होगा। इस बजट को दोनों पक्ष शांतिपूर्वक सुने। बजट प्रदेश और प्रदेश की आठ करोड जनता के लिए महत्वपूर्ण होता है। सदन में बजट प्रस्तुतिकरण की कार्यवाही को आम जनता भी देखती है। प्रदेश की जनता से चुनकर आये जनप्रतिनिधिगण अपने आचरण और व्यवहार से जन आकांक्षाओं के अनुकूल आदर्श प्रस्तुत करें।
देवनानी ने कहा कि विधान सभा सदन नियमों, परम्पराओं व मर्यादाओं से चलता है। उन्होंने सभी दलों से सदन को शांतिपूर्वक चलाने में सहयोग करने और बजट सत्र में आसन द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत ही सार्थक बहस में अपनी बात समय सीमा में रखने के लिए कहा।
देवनानी ने कहा कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पक्ष के सदस्यों का पूरा सम्मान करें। प्रश्नकाल को शांतिपूर्वक चलाएं। सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष जब सदन में बोलें तो दोनों पक्षों के सभी सदस्यों को उनका सम्मान करने के लिए उनकी बातों को शांतिपूर्वक सुनना चाहिए। शून्यकाल के बाद सदस्यों को अपनी बात सदन के सामने नियमों के तहत अध्यक्ष या सभापति की अनुमति के पश्चात ही रखनी चाहिए। विधान सभा अध्यक्ष के आसन से दी गई व्यवस्थाओं को सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष को पालना करनी चाहिए। प्रदेश की जनता के सामने विधान सभा सदन की गरिमा को प्रस्तुत करने का विधायकगण के लिए यह आदर्श मौका होता है।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी की अध्यक्षता में हुई बैठक सार्थक रही। देवनानी की मध्यस्थता से सोलहवीं राजस्थान विधान सभा के तृतीय सत्र में प्रस्तुत होने वाले बजट से पहले सदन का गतिरोध समाप्त किये जाने पर सभी दलों की सहमति बनी। व्यवधान समाप्त करने के लिए श्री देवनानी ने सदस्यों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली. खादय एंव आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक रफीक खान,रालोद के डॉ. सुभाष गर्ग और विधान सभा के प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा मौजूद थे।
विधान सभा अध्यक्ष की पहल पर सदन में गतिरोध समाप्ति पर बनी सहमति
— सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (@DIPRRajasthan) February 17, 2025
- विधान सभा को सुचारू रूप से चलाने के लिए विधान सभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में विभिन्न दलों के साथ हुई बैठक रही सार्थक
- विधान सभा की गरिमा को बनाये रखने का दायित्व दोनों पक्षों का - श्री देवनानी
- सदन… pic.twitter.com/9nO43NHAeN