पाकिस्तान के कराची स्थित गोलिमार श्मशान घाट में वर्षों से रखे 400 हिंदू मृतकों के अस्थि कलश आखिरकार सोमवार को वाघा-अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंच गए। ये अस्थियां लगभग 8 साल से श्मशान घाट में रखी थीं, क्योंकि परिजन इन्हें गंगा में प्रवाहित करने का इंतजार कर रहे थे।
रविवार (2 फरवरी) को कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इसके बाद परिजनों ने अस्थियों को अंतिम विदाई दी, ताकि मोक्ष के लिए इन्हें गंगा में विसर्जित किया जा सके।
भारत में अस्थि विसर्जन के लिए मृतक का मृत्यु प्रमाणपत्र और श्मशान घाट की पर्ची अनिवार्य थी, इसलिए परिजन इन्हें प्राप्त करने के लिए श्मशान घाट पहुंचे। जो परिवार अपने प्रियजनों की अस्थियां हरिद्वार में प्रवाहित करना चाहते थे, उन्होंने इन दस्तावेजों को तैयार कराया।
यह पहल हिंदू समुदाय की सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।अब देखना यह होगा कि भविष्य में क्या भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसे धार्मिक कार्यों के लिए और भी सहूलियतें दी जाएंगी या नहीं।