भगवान श्रीराम की अयोध्या रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना का नाम बदलकर रामजल सेतु लिंक परियोजना करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री शर्मा ने इस परियोजना के नामकरण के साथ इसके पोस्टर का विमोचन भी किया। यह महत्वाकांक्षी परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश को पेयजल और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नदियों को जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का हिस्सा है।
संवेदनशील योजना:522 एमसीएम पुनर्चक्रित जल सहित कुल 4102 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध कराया जाएगा।परियोजना से बनास, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल और गंभीर नदी बेसिनों में जल भेजा जाएगा।
राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व:भगवान श्रीराम के समुद्र पर सेतु निर्माण की प्रेरणा से इस परियोजना का नाम 'रामजल सेतु लिंक परियोजना' रखा गया।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदियों को जोड़ने के सपने को साकार करने की दिशा में कदम।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीराम ने सत्य और धर्म की विजय के लिए सेतु का निर्माण किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, यह परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश को सुजलाम-सुफलाम बनाने का कार्य करेगी।
सिंचाई:2.5 लाख हेक्टेयर नये क्षेत्र में सिंचाई।1.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई।
औद्योगिक विकास: परियोजना से इन जिलों में उद्योगों के विकास के लिए भी जल उपलब्ध होगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद मदन राठौड़,जल संसाधन मंत्री: सुरेश सिंह रावत,गृह राज्यमंत्री: जवाहर सिंह बेढम,राजस्थान धरोहर प्राधिकरण अध्यक्ष: ओंकार सिंह लखावत, विधायक बहादुर सिंह कोली, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा उपस्थित रहे।