अधिकारियों की मॉनिटरिंग: पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम में अधिकारियों की तानाशाही चल रही है और जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही।
भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों पर रोक:नगर निगम हेरिटेज में पट्टों के आवंटन और सफाई व्यवस्था में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की शिकायतें।
पार्षद अरविंद मेठी ने कहा कि जनता की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा है। पार्षदों को जिम्मेदारी दी जाए ताकि जनता को राहत मिल सके।
पार्षद ज्योति चौहान ने कहा किअधिकारियों की तानाशाही के कारण पार्षद परेशान हैं। हमने सरकार से मांग की है, लेकिन अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हम मजबूर होकर सख्त कदम उठाएंगे।
बैठक में भाजपा को समर्थन देने वाले कांग्रेस के 7 पार्षद शामिल हुए:जकरिया शेरम,मनोज मुद्गल,उत्तम शर्मा,पारस जैन,अरविंद मेठी,ज्योति चौहान और संतोष कंवर साथ ही पूर्व पार्षद के पुत्र सुनील मीणा भी बैठक में मौजूद रहे।
कांग्रेस से भाजपा में आए पार्षदों का यह विरोध भाजपा संगठन और प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास माना जा रहा है।
संचालन समितियों के गठन से पार्षदों को अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखने का अधिकार मिलेगा, जिससे उनका राजनीतिक प्रभाव बढ़ेगा।
अगर पार्षदों की मांगें नहीं मानी गईं, तो नगर निगम हेरिटेज में सियासी तनाव और गहराने की संभावना है।सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा कि यह विवाद किस दिशा में जाएगा।