राजस्थान के बारां जिले में एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) संक्रमण का दूसरा मामला सामने आया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सम्पतराज नागर ने बताया कि 6 महीने की बच्ची की रिपोर्ट एचएमपीवी पॉजिटिव आई है। इससे पहले डूंगरपुर जिले में भी इस वायरस का एक मामला दर्ज किया गया था।
गांव में टीम भेजी गई
रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ग्राम बाल्दा तहसील में टीम भेजी। वहां पहुंचकर टीम ने बच्ची के परिवार से संपर्क किया। बच्ची के पिता बबलू लोधा ने बताया कि 3 महीने पहले बच्ची को सर्दी, जुखाम और बुखार की शिकायत हुई थी। तब उसे झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन सेहत में सुधार न होने पर जेके लोन हॉस्पिटल, कोटा रेफर किया गया।
14 दिन तक वेंटिलेटर पर रही बच्ची
जेके लोन हॉस्पिटल में 2 अक्टूबर 2024 को बच्ची को भर्ती किया गया। सैंपल लेने के बाद 9 अक्टूबर को एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई। संक्रमण के गंभीर प्रभाव के कारण बच्ची को 14 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया। करीब 25 दिनों तक इलाज के बाद बच्ची को निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जहां उसका इलाज सफल रहा और उसे छुट्टी दे दी गई।
गांव में स्वास्थ्य परीक्षण
स्वस्थ होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई। सारथल पीएचसी चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर नंदकिशोर वर्मा की निगरानी में तीन टीमें गांव भेजी गईं। गांव के सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और सर्दी-जुखाम से पीड़ित मरीजों को मास्क पहनने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई।
प्रदेश में दूसरा मामला
यह राजस्थान में एचएमपीवी संक्रमण का दूसरा मामला है। पहला मामला डूंगरपुर जिले के साबला ब्लॉक में दर्ज हुआ था, जहां ढाई महीने के बच्चे को सागवाड़ा चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। स्थिति बिगड़ने पर बच्चे को अहमदाबाद चिकित्सालय भेजा गया, जहां उसकी रिपोर्ट में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई। अब वह बच्चा भी स्वस्थ है।
क्या है एचएमपीवी?
एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) एक श्वसन संक्रमण है, जो मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण सर्दी, जुखाम, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के रूप में प्रकट होते हैं। चिकित्सकों ने आम जनता को जागरूक रहने और संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी है।