Wednesday, 05 February 2025

कोटा थप्पड़कांड: पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को 3 साल की सजा, हाईकोर्ट में अपील की तैयारी


कोटा थप्पड़कांड: पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को 3 साल की सजा, हाईकोर्ट में अपील की तैयारी

कोटा के 2022 के चर्चित थप्पड़कांड मामले में गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए भाजपा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और कार्यकर्ता महावीर सुमन को 3-3 साल के साधारण कारावास और 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि, एससी/एसटी एक्ट की धारा-3 के तहत दोनों को बरी कर दिया गया।

मामला मार्च 2022 का है, जब कोटा में दाढ़ देवी माता मंदिर रोड पर चल रहे यूआईटी के पैचवर्क को वन विभाग ने रुकवा दिया था।इस बात से नाराज होकर 31 मार्च 2022 को पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत अपने समर्थकों के साथ वन विभाग कार्यालय पहुंचे।आरोप है कि बातचीत के दौरान राजावत ने उप वन संरक्षक (DCF) रवि मीणा को थप्पड़ मार दिया।इस घटना के बाद डीसीएफ ने नयापुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।

कोर्ट का फैसला:एससी/एसटी कोर्ट ने राजावत और महावीर सुमन को राजकार्य में बाधा डालने और थप्पड़ मारने का दोषी पाया।दोनों को धारा 332 (सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने) के तहत 3 साल की सजा और 30-30 हजार रुपये जुर्माना सुनाया गया।एससी/एसटी एक्ट की धारा-3 के तहत दोनों को बरी कर दिया गया।

भवानी सिंह राजावत की प्रतिक्रिया:फैसले के बाद पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा,"मैंने केवल डीसीएफ के कंधे पर हाथ रखा था, थप्पड़ नहीं मारा। मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है और हाईकोर्ट में अपील करूंगा।"उनके वकील पृथ्वीराज शेखावत ने बताया कि कोर्ट ने सजा सस्पेंशन एप्लिकेशन को स्वीकार कर लिया है और अपील के लिए एक महीने का समय दिया गया है।

घटना की पृष्ठभूमि: 31 मार्च 2022: घटना की शिकायत पर धारा 332, 353, 34 और 3(2)(va) एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज। 1 अप्रैल 2022: भवानी सिंह राजावत को गिरफ्तार किया गया और 10 दिन जेल में बिताने के बाद हाईकोर्ट से जमानत मिली।


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