Wednesday, 05 February 2025

स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व विधायक रणमलसिंह का 101 वर्ष की आयु में निधन, गुरुवार को होगा अंतिम संस्कार


स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व विधायक रणमलसिंह का 101 वर्ष की आयु में निधन, गुरुवार को होगा अंतिम संस्कार

स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व विधायक, और सादगी के प्रतीक रणमलसिंह का बुधवार सुबह उनके पैतृक गांव कटराथल (सीकर) में निधन हो गया। वे 101 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 11:15 बजे उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।

रणमलसिंह का जन्म 22 अगस्त, 1923 को हुआ था। अपने पूरे जीवन में उन्होंने सादगी और स्वावलंबन का पालन किया। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सक्रिय सेनानी रहे और बाद में राजनीति और सामाजिक सेवा में भी योगदान दिया।

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:1941 से 1944 तक शिक्षक के रूप में कार्य किया।बाद में शिक्षक पद से इस्तीफा देकर जयपुर प्रजामंडल में शामिल हुए और स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया।1947 से 31 दिसंबर 1954 तक भारतीय सेना में सेवाएं दीं।

राजनीतिक और सामाजिक जीवन:1977 में जनता लहर के दौरान कांग्रेस के टिकट पर सीकर से विधायक निर्वाचित हुए।1955 से 1992 तक पांच बार कटराथल के सरपंच रहे।1965 से 1977 तक पिपराली पंचायत समिति के प्रधान पद पर कार्य किया। सीकर सहकारी भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष भी रहे।

गत 25 सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बेरवा ने उनके घर जाकर उन्हें सम्मानित किया था।

उनके पुत्र विद्याधरसिंह और कर्नल वेदप्रकाश ने बताया कि रणमलसिंह ने अंत तक स्वावलंबी जीवन जिया। उनके निधन से परिवार और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।

रणमलसिंह का जीवन देशभक्ति, सेवा और सादगी का प्रतीक रहा। उनका योगदान न केवल स्वतंत्रता संग्राम बल्कि ग्रामीण विकास और समाज सेवा में भी अविस्मरणीय है। उनके निधन से सीकर और राजस्थान ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है।

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