Monday, 25 November 2024

वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डंडिया के 75 वर्षों के पत्रकारीय योगदान का राज्यपाल कटारिया,वासुदेव देवनानी और डॉ. जोशी ने किया सम्मान


वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डंडिया के 75 वर्षों के पत्रकारीय योगदान का राज्यपाल कटारिया,वासुदेव देवनानी और डॉ. जोशी ने किया सम्मान

राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डंडिया के 75 वर्षों के पत्रकारीय जीवन को समर्पित भव्य अभिनंदन समारोह रविवार को झालाना डूंगरी स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया मुख्य अतिथि थे, जबकि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथियों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और वरिष्ठ पत्रकार प्रवीणचंद्र छाबड़ा शामिल थे।

कार्यक्रम के संयोजक और सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों के साथ 93 वर्षीय मिलापचंद डंडिया का अभिनंदन किया। इस दौरान डंडिया के पत्रकारिता जीवन पर आधारित अभिनंदन ग्रंथ का लोकार्पण किया गया। बजरंग सिंह शेखावत द्वारा हस्तलिखित सम्मान पत्र का वाचन वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा ने किया।

समारोह की शुरुआत पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन बंधुओं की गणेश वंदना और मां शारदा की स्तुति से हुई। इसके बाद बीबीसी के पूर्व भारत प्रमुख संजीव श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शुभकामना संदेश का वाचन किया।

डंडिया के योगदान पर प्रमुख वक्ताओं के विचार

राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया:
"डंडिया की पत्रकारिता का मैं प्रत्यक्षदर्शी रहा हूं। उनकी कलम ने हमेशा सच को सच कहने की हिम्मत दी। उनकी सच्चाई और निर्भीकता राजस्थान के पत्रकारों के लिए प्रेरणा हैं।"

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी:
"डंडिया का यह सम्मान किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि एक विचार का सम्मान है। वह राजस्थान की पत्रकारिता की धरोहर हैं और उनके योगदान को याद किया जाना चाहिए।"

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी:
"डंडिया का जीवन पत्रकारिता के सिद्धांतों का पाठ्यक्रम है। उनकी सच्चाई और अनुशासन ने उन्हें हमेशा प्रेरणास्त्रोत बनाए रखा। नए पत्रकारों के लिए उनका जीवन आदर्श है।"

गोपाल शर्मा, विधायक:
"डंडिया के 75 वर्षों का सफर राजस्थान की खोजपूर्ण पत्रकारिता का इतिहास है। उनकी लेखनी की ईमानदारी और निर्भीकता ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। वे पत्रकारिता के सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नहीं करते।"

मिलापचंद डंडिया ने इस सम्मान समारोह के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि पत्रकारिता का धर्म है सत्य और तथ्य की खोज। उन्होंने नवोदित पत्रकारों को खोजपूर्ण और ईमानदार लेखन की सलाह दी। अधिवक्ता मूमल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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