झुंझुनूं के राजकीय भगवान दास खेतान अस्पताल (बीडीके) में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया, जहां एक शख्स को पहले मृत घोषित कर पोस्टमार्टम कर दिया गया था। गनीमत रही कि चिता पर आग लगाने से पहले उसकी सांसें चलने लगीं, लेकिन कुछ घंटों बाद आखिरकार उसने दम तोड़ दिया।
गुरुवार को रोहिताश को झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तैयार कर दी। मृत घोषित रोहिताश को चिता पर ले जाया गया, लेकिन आग लगाने से पहले उसकी सांसें चलने लगीं।
हालांकि देर रात उसकी तबीयत फिर से बिगड़ गई, जिसके बाद उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन इमरजेंसी वार्ड पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने उसकी मौत की पुष्टि की है।
इस लापरवाही के चलते तीन डॉक्टरों को निलंबित किया गया है। जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है। पहले मृत घोषित किए गए शख्स की चिता पर सांसें चलने और बाद में मौत से विभाग में हड़कंप मच गया है।