देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता गांव में हुई हिंसा को लेकर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए और मामले की ज्यूडिशियल जांच की मांग की। जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि पहले सरकार ने न्यायिक जांच का आश्वासन दिया था, लेकिन अब इसे संभागीय आयुक्त से जांच कराने की बात कही जा रही है।
सचिन पायलट ने कहा कि अगर सरकारी कर्मचारी की जांच सरकार करेगी, तो उसमें क्या तथ्य सामने आएगा? एक बड़ा अधिकारी दूसरे अधिकारी की जांच करेगा, तो निष्पक्ष परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती। ज्यूडिशियल जांच ही सही रास्ता है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।"
पायलट ने इस घटना को लेकर सरकार को पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हिंसा का सहारा लिया और जानबूझकर गरीबों को निशाना बनाया। मकानों को तोड़ा गया, गाड़ियां जलाई गईं। सरकार की यह लापरवाही थी या जानबूझकर किया गया कदम, इसकी जांच होनी चाहिए। यह पता लगाना जरूरी है कि किस राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए माहौल खराब किया गया।
पायलट ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने टारगेटेड कार्रवाई की है और निर्दोष लोगों को परेशान किया है। उन्होंने सवाल उठाए कि अगर हिंसा बाहरी लोगों ने की, तो वे गांव में कैसे पहुंचे? उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी थी?
पायलट ने कहा कि इस घटना से गरीबों के साथ अन्याय हुआ है और सरकार को इसका जवाब देना होगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस मुद्दे पर सरकार को जवाब दें।