जिले के गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मौखावा खुर्द में मनरेगा के तहत स्वीकृत टांकों और ग्रेवल सड़कों के मस्टररोल जारी नहीं होने के कारण नाराज होकर पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी सोमवार को ग्रामीणों के साथ जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए। उनका आरोप है कि राजनीतिक कारणों के चलते ग्राम पंचायत के विकास कार्य अटके हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक मस्टररोल जारी नहीं होते, तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे।
पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि 5 सितंबर को मनरेगा के तहत व्यक्तिगत टांकों और दो ग्रेवल सड़कों के कार्य स्वीकृत हुए थे। इसके बावजूद, ग्राम पंचायत मौखावा खुर्द की ओर से पंचायत समिति गुड़ामालानी को मस्टररोल के लिए कहा गया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते अभी तक मस्टररोल जारी नहीं किए गए हैं। पंचायत के 69 टांके और 2 ग्रेवल सड़कों के काम स्वीकृत होने के बावजूद, मस्टररोल जारी नहीं होने के कारण इन कार्यों की शुरुआत नहीं हो सकी है, जबकि इसके बाद स्वीकृत अन्य कार्यों का मस्टररोल जारी कर दिया गया है।
चौधरी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक भेदभाव के कारण मस्टररोल जारी नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत मौखावा खुर्द के सरपंच कांग्रेस विचारधारा से हैं, और इसी वजह से राजनीतिक दबाव बनाकर विकास कार्यों में अड़चन डाली जा रही है। चौधरी ने चेतावनी दी कि जब तक मस्टररोल जारी नहीं होंगे, वे धरने से नहीं उठेंगे और प्रशासन को तत्काल इन विकास कार्यों के लिए मस्टररोल जारी करने की अपील की।
पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर प्रशासन ने जल्द ही इस मामले का समाधान नहीं किया तो धरना जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक भेदभाव के चलते मौखावा खुर्द में विकास कार्यों को बाधित करना सरासर गलत है, और यह जनता के हितों के खिलाफ है।