Thursday, 19 September 2024

जगन्नाथ विश्वविद्यालय, जयपुर में फूड प्वाइजनिंग का मामला: 250 से अधिक बच्चे बीमार


जगन्नाथ विश्वविद्यालय, जयपुर में फूड प्वाइजनिंग का मामला: 250 से अधिक बच्चे बीमार

जयपुर के जगन्नाथ विश्वविद्यालय में शुक्रवार को फूड प्वाइजनिंग का गंभीर मामला सामने आया, जिसमें 250 से अधिक बच्चे बीमार हो गए। बच्चों को पेट दर्द, उल्टी और चक्कर आने जैसी शिकायतें होने के बाद तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, यह समस्या विश्वविद्यालय के कैंटीन में परोसे गए भोजन से हुई है, जो संभवतः दूषित था।

घटना का विवरण और बच्चों की हालत

घटना के बाद छात्रों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बीमार छात्रों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया। कई छात्रों की हालत गंभीर थी, और उन्हें आईसीयू में रखा गया है। हालांकि, अधिकांश बच्चों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन चिकित्सकों ने उनकी स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है।

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचकर फूड सैंपल्स को जांच के लिए भेज दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंटीन की सभी सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और इस मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि यह एक बड़ा फूड प्वाइजनिंग का मामला है, और जल्द ही जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

अभिभावकों में चिंता

घटना की सूचना मिलने के बाद, अभिभावकों में गहरी चिंता फैल गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के अभिभावकों को आश्वासन दिया है कि सभी बीमार बच्चों का सही ढंग से इलाज किया जा रहा है और स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा जा रहा है।

आगे की जांच और कार्रवाई

फूड प्वाइजनिंग के इस मामले ने विश्वविद्यालय प्रशासन और कैंटीन प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम इस मामले की गहन जांच कर रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना फूड सेफ्टी और हाइजीनिक स्टैंडर्ड्स के पालन पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है, और इस मामले के बाद विश्वविद्यालय के कैंटीन और अन्य सेवाओं पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

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