जोधपुर की पूर्व एसडीएम प्रियंका बिश्नोई (33) का अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में 15 दिनों तक चले इलाज के बाद बुधवार देर रात निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर उनके ससुराल, फलोदी के सुरपुरा गांव में किया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
बिश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया ने वसुंधरा अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। प्रियंका बिश्नोई का लगभग 20 दिन पहले जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
प्रियंका 2016 बैच की आरएएस अधिकारी थीं और हाल ही में उनका तबादला नगर निगम उपायुक्त पद पर हुआ था। उनके परिवार ने वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था, जिससे उनकी हालत और खराब हो गई। प्रियंका के ससुर सेईराम बिश्नोई ने कलक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। आरोप है कि उन्हें ऑपरेशन के दौरान अधिक एनेस्थिसिया दिया गया या खून का अत्यधिक बहाव हुआ, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ी। सात सितंबर को उन्हें अहमदाबाद ले जाया गया था।
जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने इस मामले की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. भारती सरस्वत को एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया था, जो तीन दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। डॉ. सरस्वत ने बताया कि कमेटी का गठन हो चुका है और जांच गुरुवार से शुरू होने वाली थी।
वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टर संजय मकवाना ने बताया कि सर्जरी के दौरान कोई जटिलता नहीं थी, लेकिन प्रियंका के मस्तिष्क में एक जन्मजात एवी मालफॉर्मेशन (ब्रेन की पतली दीवार) थी, जो किसी भी समय लीक कर सकती थी। दुर्भाग्यवश, ऑपरेशन के 24 घंटे बाद यह लीक हो गया, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ गई।