Sunday, 07 December 2025

संगम 2025: जेकेएलयू एचआर कॉन्क्लेव में उद्योग–शिक्षा के दिग्गज एक मंच पर, भविष्य के टैलेंट विकास पर जोर


संगम 2025: जेकेएलयू एचआर कॉन्क्लेव में उद्योग–शिक्षा के दिग्गज एक मंच पर, भविष्य के टैलेंट विकास पर जोर

जेके लक्ष्मणपत विश्वविद्यालय (जेकेएलयू) में गुरुवार को आयोजित वार्षिक एचआर कॉन्क्लेव ‘संगम 2.0’ उद्योग जगत और शिक्षा क्षेत्र के बीच मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देने का केंद्र बिंदु बना। देशभर के शीर्ष कॉर्पोरेट नेताओं, एचआर विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं ने इस प्रतिष्ठित मंच पर भाग लिया। कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य था—तेजी से बदलते कार्य-परिदृश्य के अनुरूप भविष्य के टैलेंट को तैयार करना और शिक्षा–उद्योग के बीच सहयोग की नई संभावनाएँ तलाशना।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और जेकेएलयू के प्रो-चांसलर हर्ष पति सिंघानिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि आने वाला समय बहुविषयक शिक्षा, सहयोगी दृष्टिकोण और वैश्विक परिपेक्ष्य पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी योग्यता के साथ संवाद कौशल, नेतृत्व गुण और मानवीय मूल्यों जैसे भावी कौशल भी उतने ही आवश्यक हैं, ताकि युवा हर परिस्थिति के लिए तैयार हो सकें।

जेकेएलयू के कुलपति प्रोफेसर विजयशेखर चेल्लाबोइना ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं बल्कि परिवर्तनशील तकनीकी दुनिया के साथ तालमेल बिठाना है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय उद्योग-उन्मुख शिक्षा और व्यावहारिक सीख पर लगातार काम कर रहा है।

जेके ऑर्गेनाइजेशन के समूह मानव संसाधन अध्यक्ष प्रेम सिंह ने सिद्धांत और व्यवहार के बीच दूरी को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को वास्तविक चुनौतियों से परिचित कराना, भविष्य की कार्यशैली के लिए तैयार करने का महत्वपूर्ण कदम है।

कॉन्क्लेव में आयोजित एक प्रमुख परिचर्चा सत्र में इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज, एक्सिस बैंक, ओरेकल, एडोबी, एक्सेंचर स्ट्रेटेजी, भारतीय रेल और जाइपोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के दिग्गज प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस सत्र में यह चर्चा हुई कि विश्वविद्यालयों को अपनी क्षमताओं को कैसे उद्योग की मांगों के अनुरूप विकसित करना चाहिए, ताकि युवा जॉब-रेडी बन सकें।

वॉड्सपे के जापान–एशिया–ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र के अध्यक्ष अमित मलिक ने “तकनीकी प्रतिभा और संगठनात्मक पहचान विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि टेक टैलेंट केवल उत्पाद निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि वही संस्थाओं की कार्य गति, निर्णय प्रक्रिया और भरोसे की संस्कृति तय करता है।

पहले सत्र में पाठ्यक्रम आधुनिक बनाने, इंटर्नशिप की गुणवत्ता बढ़ाने और उद्योग–अकादमिक मार्गदर्शन कार्यक्रमों की आवश्यकता पर चर्चा हुई। दूसरे सत्र में भावी कौशल—सहानुभूति, संवाद क्षमता, क्रिएटिविटी, डिज़ाइन थिंकिंग—को भविष्य के नेतृत्व की अनिवार्य शर्त बताया गया।

कॉन्क्लेव के समापन सत्र में हरीशंकर सिंघानिया स्कूल ऑफ बिज़नेस की निदेशक प्रोफेसर अर्चना शुक्ला ने कहा कि उद्योग और शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने से छात्रों के लिए रोजगार और नवाचार दोनों के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने शिक्षा और करियर के बीच की खाई को पाटने के लिए संरचित साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया।संगम 2.0 ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि शिक्षा और उद्योग का समन्वय ही आने वाले समय में सक्षम, संवेदनशील और तकनीकी रूप से दक्ष कार्यबल तैयार करने की कुंजी है।

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