



राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने जयपुर के मानसरोवर स्थित पत्रकार कॉलोनी के सामुदायिक भवन में अवैधानिक रूप से कब्जा कर खोले गए JDA जोन कार्यालय 18–19 के मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) को कड़ी फटकार लगाई। खंडपीठ ने स्पष्ट कहा कि सामुदायिक भवन पर कार्यालय संचालन करना नियमों के विरुद्ध है और JDA के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट ने JDA को निर्देश दिए कि कार्यालय कहां स्थानांतरित किया जाएगा इसकी संपूर्ण पत्रावली और योजना अगले सप्ताह पेश की जाए।
हाई कोर्ट की खंडपीठ न्यायाधीश महेंद्र गोयल और न्यायाधीश बलविंदर सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि JDA सरकार नहीं है, इसलिए सामुदायिक भवन जैसी उपयोगिता वाली सार्वजनिक जगह पर उसका कब्जा न्यायसंगत नहीं है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भी निर्देशित किया कि वह अगले सप्ताह यह बताए कि पत्रकार कॉलोनी के सामुदायिक भवन में चल रहे JDA जोन कार्यालय के लिए नई जमीन कहां आवंटित की जा रही है और भवन को कितने समय में खाली कराया जाएगा।
जनहित याचिका वरिष्ठ पत्रकार श्याम सुंदर शर्मा और कानाराम कड़वा की ओर से दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता निधि बिस्सा ने हाईकोर्ट के समक्ष निवेदन करते हुए कहा कि सामुदायिक भवन पर कब्जा होने से स्थानीय लोगों को विवाह और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए महंगे बैंक्वेट हॉल लेने पड़ रहे हैं। इससे आमजन को अत्यधिक आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि सामुदायिक भवन को शीघ्र खाली कराया जाए ताकि क्षेत्र के लोग उसका उपयोग कर सकें।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने JDA के अधिवक्ता अमित कुड़ी से कहा कि सामुदायिक भवन में जोन कार्यालय चलाने का अधिकार JDA को नहीं है। हाईकोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि JDA और सरकार एक सप्ताह के भीतर नई जगह और स्थानांतरण योजना की संपूर्ण फाइल पेश नहीं करते, तो हाईकोर्ट इस मामले में अपना अंतिम आदेश पारित करेगा।
यह मामला अब अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई में और अधिक निर्णायक मोड़ लेने की संभावना है।