मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की अहम बैठक: प्रवासी राजस्थानी विभाग का गठन, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 को मंजूरी, 2300 MW ऊर्जा परियोजनाओं को हरी झंडी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में कई ऐतिहासिक और दूरगामी निर्णय लिए गए। बैठक में राजस्थान को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने, प्रवासी राजस्थानियों से जुड़ाव मजबूत करने, निवेश को बढ़ावा देने और ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार करने संबंधी महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकार वार्ता में साझा की।
प्रवासी राजस्थानियों के लिए नया विभाग—ब्रांड राजस्थान को मिलेगा वैश्विक मंच: मंत्रिमंडल ने ‘राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग’ के गठन को मंजूरी दी। यह नया विभाग प्रवासी राजस्थानियों और राज्य सरकार के बीच संवाद, सहयोग और समस्या समाधान के लिए एक सशक्त मंच का काम करेगा। विभाग प्रवासी राजस्थानी दिवस, सम्मान समारोह और एक्सचेंज कार्यक्रमों का आयोजन करेगा तथा प्रवासी एसोसिएशन्स के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल भी संचालित करेगा। इस कदम से प्रवासियों का अपनी मिट्टी से जुड़ाव और मजबूत होगा, साथ ही विश्व पटल पर ब्रांड राजस्थान को प्रोत्साहन मिलेगा।
राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 को मंजूरी—मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए नया हब बनेगा राजस्थान: कैबिनेट ने राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) पॉलिसी-2025 को भी मंजूरी दी। इस नीति का लक्ष्य वर्ष 2030 तक राज्य में 200 से अधिक GCCs की स्थापना, 1.5 लाख रोजगार सृजन और देश के 100 अरब डॉलर GCC बाजार में महत्वपूर्ण योगदान देना है। पॉलिसी के तहत जयपुर, उदयपुर और जोधपुर को GCC हब के रूप में विकसित किया जाएगा। रिप्स-2024 के प्रावधानों के अंतर्गत परियोजनाओं को 30% या अधिकतम 10 करोड़ रुपए पूंजी सब्सिडी, भूमि लागत का 50% प्रतिपूर्ति, 30% पेरोल सब्सिडी (अधिकतम 1.25 लाख प्रति कर्मचारी) तथा रेंटल असिस्टेंस (पहले 3 वर्ष 50%, अगले 2 वर्ष 25%) जैसे अनेक आकर्षक प्रोत्साहन दिए जाएंगे। साथ ही, कौशल विकास, पेटेंट सहायता, ग्रीन इंसेंटिव, स्टांप ड्यूटी एवं बिजली शुल्क पर छूट भी उपलब्ध होगी।
ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा निवेश—आरवीयूएनएल और सिंगरेनी कोलियरीज का संयुक्त उपक्रम: मंत्रिमंडल ने आरवीयूएनएल और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) के बीच संयुक्त उपक्रम (JV) गठन को अनुमोदित किया। यह JV 26:74 प्रतिशत हिस्सेदारी के आधार पर गठित होगा और 15,600 करोड़ रुपये की दो ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित करेगा—
खदान स्थल पर 800 MW की कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना (लागत 9,600 करोड़ रुपये)
राजस्थान में 1500 MW की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ (लागत 6,000 करोड़ रुपये) इन परियोजनाओं से राज्य की ऊर्जा क्षमता और उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
महाविद्यालयों का नामकरण—दानदाताओं का सम्मान:कैबिनेट ने सिरोही स्थित राजकीय महाविद्यालय, कालन्द्री का नाम बदलकर संघवी हीराचंदजी फूलचंदजी राजकीय महाविद्यालय और राजकीय महाविद्यालय, कैलाश नगर का नाम बदलकर मातुश्री पुरीबाई पुनमाजी माली टोरसो राजकीय महाविद्यालय रखने का अनुमोदन किया गया।
सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन: बाड़मेर, बीकानेर और चित्तौड़गढ़ जिलों में सौर परियोजनाओं के लिए कुल 587 हैक्टेयर भूमि सशर्त कीमतन आवंटित करने की मंजूरी मिली। इसके साथ पॉवरग्रिड बाड़मेर-1 ट्रांसमिशन लिमिटेड को 765 केवी सबस्टेशन स्थापना हेतु सोखरु (बाड़मेर) में 70.6 हैक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी। इससे अक्षय ऊर्जा के ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूती मिलेगी और आमजन तक निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।