



अलवर : दिल्ली की एक विशेष अदालत ने प्रसिद्ध चित्रकार एमएफ हुसैन की करोड़ों रुपए की पेंटिंग वापस नहीं करने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट का आदेश रद्द करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात (Criminal Breach of Trust) के आरोप में मुकदमा चलाने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि बार-बार कहने के बावजूद आरोपी द्वारा पेंटिंग वापस न करना, झूठे आश्वासन देना और अंततः उसे लौटाने से इनकार करना आईपीसी की धारा 406 के तहत आपराधिक विश्वासघात का मामला बनता है। कोर्ट ने माना कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं।
रोहित सिंह महियारिया ने इस संबंध में कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि आरोपी ने कई बार पेंटिंग लौटाने का आश्वासन दिया, परंतु अंत में मना कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड और साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि पेंटिंग उपहार में नहीं दी गई थी, बल्कि उधार दी गई थी, और आरोपी ने इसे लौटाने से इनकार किया। इसलिए भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।
कोर्ट ने इस मामले को पुनः ट्रायल कोर्ट को भेजते हुए कहा कि मामले की सुनवाई कानून के अनुसार आगे बढ़ाई जाए।
यह मामला न केवल राजनीतिक और कानूनी स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि कला जगत में भी इसे लेकर दिलचस्पी बढ़ गई है, क्योंकि इसमें शामिल पेंटिंग एम.एफ. हुसैन की दुर्लभ कृतियों में से एक मानी जाती है।