



कोलकाता। सीमेंट उद्योग के चुनौतीपूर्ण दौर के बीच बिरला कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने सितंबर तिमाही के नतीजों में शानदार वापसी की है। भारी बारिश, कीमतों में गिरावट और जीएसटी बदलाव जैसी बाधाओं के बावजूद कंपनी का समेकित EBITDA 71% बढ़कर 332 करोड़ रुपये पहुंच गया। यह पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय उछाल है।
कंपनी ने तिमाही में 90 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी अवधि के 25 करोड़ के घाटे के बाद एक बड़ी उपलब्धि है।
समेकित राजस्व भी 13% बढ़कर 2,233 करोड़ रुपये हो गया। सीमेंट की मात्रा आधारित बिक्री 7% बढ़कर 4.2 मिलियन टन रही, जबकि बिरला जूट मिल्स ने उत्पादन और दक्षता दोनों मोर्चों पर उल्लेखनीय सुधार दिखाया।
तिमाही के दौरान उत्तरी व मध्य भारत में मांग स्थिर रही, लेकिन भारी प्रतिस्पर्धा और बारिश ने कीमतों को नीचे खींचा। इसके बावजूद, कंपनी ने बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाने और प्रीमियम उत्पादों की बिक्री पर जोर दिया।
Perfect Plus की बिक्री में 20% वृद्धि
Unique Plus में 28% वृद्धि
कुल प्रीमियम बिक्री का हिस्सा 60%
व्यापार चैनल के माध्यम से बिक्री 71% से बढ़कर 79%
मिश्रित सीमेंट की बिक्री में 14% की वृद्धि हुई और इसकी हिस्सेदारी 83% से बढ़कर 89% हो गई। मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख बाज़ारों में 7-11% तक की मात्रा वृद्धि ने कंपनी की स्थिति को मजबूत किया।
प्रबंध निदेशक एवं CEO संदीप घोष ने कहा कि “हमारी रणनीतियों की मजबूती और लचीलापन विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे प्रदर्शन को उत्कृष्ट बनाता है। आने वाले महीनों में सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी खर्च क्षमता मांग को और बढ़ाएगी।” हालांकि कीमतें मध्य भारत में 3–5 रुपये प्रति बैग घटी हैं, फिर भी कंपनी की प्रति टन प्राप्ति 3% बढ़कर 4,845 रुपये रही। संचालन दक्षता में सुधार के चलते प्रति टन EBITDA 54% बढ़कर 712 रुपये हो गया और सीमेंट डिवीजन का परिचालन मार्जिन 9.8% से बढ़कर 14.7% तक पहुंच गया।
बिहार को छोड़कर पूर्वी भारत में मांग कमजोर
महाराष्ट्र में मांग तो बढ़ी, कीमतें स्थिर
तेलंगाना में कीमतें 7–10 रुपये प्रति बैग गिरी
गैर-व्यापार कीमतों में जीएसटी कटौती के बाद 10–15 रुपये प्रति बैग की गिरावट
कंपनी को उम्मीद है कि उत्तर और पश्चिम भारत में मांग 4–5% बढ़ेगी, जबकि दक्षिण और पूर्व क्षेत्रों में आपूर्ति अधिकता के चलते दबाव बना रहेगा।
सितंबर तिमाही में सीमेंट डिवीजन में 30% बिजली खपत नवीकरणीय स्रोतों से
चंदेरिया यूनिट में 6 MW पवन-सौर हाइब्रिड शुरू
दुर्गापुर यूनिट ने नवंबर से 6.98 MW नवीकरणीय ऊर्जा शुरू की
कंपनी चंदेरिया में 9 MW सौर BESS (बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली) जोड़ रही है
मुकुटबन में 5 MW सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित हो रहा है
बिरला जूट मिल्स 2.1 MW रूफटॉप सौर प्लांट पर काम कर रहा है
बिरला जूट मिल्स ने इस तिमाही में मजबूत बदलाव दिखाया।
पिछले साल के 2 करोड़ रुपये घाटे के मुकाबले इस साल 5 करोड़ रुपये नकद लाभ
बिक्री 55% बढ़कर 9,987 MT
राजस्व 71% बढ़कर 132 करोड़ रुपये
रूपांतरण लागत 20% घटी
बिजली खपत 10% कम हुई
औसत करघा उत्पादन में 17% वृद्धि
कच्चे जूट की कीमतों में 26% की तेज वृद्धि के बावजूद कंपनी ने लागत नियंत्रण और उत्पादन सुधार के जरिए बेहतर प्रदर्शन किया।