



जयपुर। बिहार की तर्ज पर अब राजस्थान में भी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) लागू होने जा रहा है। चुनाव आयोग ने प्रदेश में एसआईआर करवाने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची की शुद्धता और सत्यापन को सुनिश्चित करना है, ताकि असत्य या फर्जी नामों की प्रविष्टि को हटाया जा सके।
आयोग की योजना के अनुसार प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों के हर पोलिंग बूथ पर वोटर लिस्ट की गहन जांच की जाएगी। इस प्रक्रिया में हर मतदाता को पुनः वेरिफाई किया जाएगा और यदि कोई प्रविष्टि संदिग्ध पाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति से दस्तावेज मांगे जाएंगे।
राजस्थान में फिलहाल 5 करोड़ 48 लाख 85 हजार से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं। इनके लिए 65,014 पोलिंग बूथ और 1,19,940 पोलिंग पार्टी एजेंट तैनात हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार आज रात से मतदाता सूची फ्रीज कर दी जाएगी, जिससे सूची में बदलाव केवल नियमानुसार जांच के बाद ही हो सकेगा।
इसी के साथ कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, बीएलओ सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रेनिंग पूरी कर ली गई है। अब फील्ड स्तर पर सर्वे और सत्यापन का काम तेज गति से शुरू होगा। अनुमान है कि इस प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं, विशेषकर ऐसे मतदाता जो अब प्रदेश में निवास नहीं कर रहे या फर्जी विवरण के आधार पर दर्ज हैं। चुनाव आयोग का मानना है कि एसआईआर से वोटर सूची और मजबूत, सटीक और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के अनुरूप बनाई जा सकेगी।