



जयपुर। राजस्थान में संचालित जलदाय एवं कृषि योजनाओं सहित विभिन्न सरकारी पोर्टलों में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये की राजकोषीय धोखाधड़ी करने वाले एक अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। झालावाड़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन शटरडाउन’ के तहत इस बड़े साइबर रैकेट को उजागर किया गया है, जिसका नेटवर्क देश के कई राज्यों तक फैला पाया गया।
गिरोह द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan), जनआधार पोर्टल, सामाजिक सुरक्षा पेंशन (RajSSP) और आपदा प्रबंधन विभाग के पोर्टल (DMIS) में तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर अपात्र लाभार्थियों को योजनाओं का पैसा हस्तांतरित किया जा रहा था। इस रैकेट पर कार्रवाई की शुरुआत 22 अक्टूबर को 30 आरोपियों की गिरफ्तारी से हुई थी। ऑपरेशन को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने 11,000 संदिग्ध बैंक अकाउंट्स को डेबिट-फ्रीज करवाया है, जिनमें अब तक करीब ₹1 करोड़ की राशि होने की पुष्टि हुई है। जयपुर, भरतपुर, दौसा, जोधपुर, दिल्ली और पंजाब से 6 आरोपी गिरफ्तार और 2 डिटेन किए गए हैं, जिनमें सरकारी सिस्टम में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल हैं।
दिल्ली निवासी सुभाष UP-उत्तराखंड के अपात्र लाभार्थियों का डेटा उपलब्ध कराता था, जबकि भरतपुर का मोहम्मद शाहीद इस फर्जी एक्टिवेशन गिरोह से जुड़ा हुआ था।पंजाब के जालंधर से रोहित कुमार और संदीप शर्मा क्लोन वेबसाइटों के साइबर डेवलपर पाए गए। वहीं सुनन्त शर्मा इस नेटवर्क का मुख्य हैंडलर है। डिटेन आरोपियों में फलौदी कलेक्ट्रेट कर्मचारी रमेशचंद और दौसा निवासी भागचंद जो झालावाड़ में सबसे ज्यादा फर्जी लाभार्थी जोड़ने वाला एजेंट शामिल हैं।
जल्द ही SIT: अवैध संपत्तियों की पहचान और योजनाओं के सिस्टम में खामियों की गहन जांच पर कार्य करेगी, ताकि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।