बारां/अंता।अंता विधानसभा उपचुनाव में जैसे-जैसे प्रचार अभियान तेज़ हो रहा है, वैसे-वैसे नेताओं के बयानों ने माहौल को और गर्म कर दिया है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मंगलवार को अपने तीखे बयानों से सियासी पारा चढ़ा दिया।
आरएलपी के सुप्रीमोनागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने चिर-परिचित तीखे अंदाज में राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार में 8-9 मंत्री भोंदू हैं। श्रोताओं को समझ नहीं आया तो मैंने कहा— गूगल पर देख लेना, भोंदू का मतलब होता है मूर्ख, कम दिमाग, बेवकूफ। आरएलपी के सुप्रीमोनागौर सांसद बेनीवाल ने यह भी कहा कि वे सरकार की नीतियों से पूरी तरह असंतुष्ट हैं और आने वाले समय में “विरोध की राह” पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तीन साल बाकी हैं, पता नहीं कैसे समय निकलेगा। जनता के साथ सड़कों पर उतरकर विरोध करना पड़ेगा।
आरएलपी के सुप्रीमोनागौर सांसद बेनीवाल ने कांग्रेस को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं से पूछो तो कहते हैं बिहार चुनाव में व्यस्त हैं। अरे, बिहार चुनाव का राजस्थान से क्या मतलब?”
पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अपने पुराने दोस्त और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थन में मैदान में उतर आए। उन्होंने नरेश मीणा की नामांकन रैली में जमकर भाषण दिया और कहा आपने तो भ्रष्टाचारियों तक को चुना है, मेरा सलाम।”
पूर्व मंत्री गुढ़ा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया पर तंज कसते हुए वही पुराना नारा दोहराया—“भाया रे भाया खूब खाया, एक गांव तो पूरा ही खाया।”सभा में मौजूद लोगों के बीच गुढ़ा का यह नारा जमकर गूंजा। पूर्व मंत्री गुढ़ा ने कहा कि अब अंता की जनता को ईमानदार नेतृत्व चाहिए, न कि वो जो वर्षों से “भ्रष्टाचार का प्रतीक” बन चुका है।
पूर्व मंत्री गुढ़ा और नरेश मीणा की बढ़ती नजदीकियों ने अंता में तीसरे मोर्चे की चर्चा को हवा दे दी है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस बार मुकाबला कांग्रेस बनाम बीजेपी से आगे बढ़कर “कांग्रेस बनाम जनता समर्थित निर्दलीय” की दिशा में जा सकता है। गुढ़ा और मीणा दोनों ही सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों पर हमलावर हैं, जिससे यह चुनाव और दिलचस्प बनता जा रहा है।