



जयपुर। देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रतीक बनी तीन नई आपराधिक संहिताओं को लागू हुए एक वर्ष पूरा हो गया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा “दंड से न्याय की ओर” की अवधारणा को रेखांकित करने हेतु जयपुर में एक भव्य राष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।
1 जुलाई 2024 से लागू हुए ये तीन नए कानून — भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) — भारत की न्याय प्रणाली में औपनिवेशिक कानूनों से आधुनिक युग की ओर संक्रमण का प्रतीक माने जा रहे हैं।
इस अवसर पर आयोजित “न्यू क्रिमिनल कोड्स – एक वर्ष की उपलब्धियां” प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन 13 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा जयपुर एग्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC), सीतापुरा में किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा तथा अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे। यह प्रदर्शनी 13 से 18 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
कर्टन रेजर कार्यक्रम — कानून से न्याय की यात्रा का प्रारंभ
प्रदर्शनी के पूर्वाभ्यास के रूप में शनिवार को पुलिस मुख्यालय, जयपुर में एक कर्टन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) भास्कर ए. सावंत और डीजीपी श्री राजीव कुमार शर्मा उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने दंड की औपनिवेशिक अवधारणा से आगे बढ़कर “जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए न्याय” की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि ये नए कानून लोकतंत्र की आत्मा को सशक्त करते हैं और आम नागरिक तक न्याय को सुलभ बनाते हैं।
पंत ने कहा कि दिल्ली के बाद अब राजस्थान में यह प्रदर्शनी नए कानूनों के क्रियान्वयन, प्रभाव और जन-जागरूकता को दर्शाएगी। प्रदर्शनी में डिजिटल डेमो, कानूनी परामर्श बूथ, न्यायिक प्रक्रिया की झलकियां और जनता के लिए संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे।
राजस्थान की विकास उपलब्धियां भी होंगी प्रदर्शित
कानूनी प्रदर्शनी के साथ राज्य सरकार की विकास उपलब्धियों को भी इस आयोजन में प्रस्तुत किया जाएगा। श्री पंत ने बताया कि 35 लाख करोड़ के एमओयू में से 7 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पहले ही धरातल पर उतारे जा चुके हैं। इस दौरान लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के नए निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग, 8 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण, तथा दूध सब्सिडी के 364 करोड़ रुपये और विद्यार्थियों के लिए यूनिफॉर्म सब्सिडी के 260 करोड़ रुपये का डीबीटी ट्रांसफर किया जाएगा।
इसके साथ ही “विकसित राजस्थान – 2047” कार्ययोजना का विमोचन और 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के रजिस्ट्रेशन का शुभारंभ भी किया जाएगा।
अधिकारियों के वक्तव्य — न्याय तक सुगम पहुंच पर जोर
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) भास्कर ए. सावंत ने कहा कि कानून को समझना सामान्य नागरिक के लिए कठिन होता है, लेकिन इस प्रकार की इंटरएक्टिव प्रदर्शनियों के माध्यम से इसे सरल और व्यवहारिक बनाया जा सकता है। उन्होंने इस कार्य में मीडिया की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।
डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि नए आपराधिक कानून “नव विधान” हैं, जिनका उद्देश्य पारदर्शिता, त्वरित न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के तहत समयबद्ध जांच और निर्णय प्रणाली से विशेषकर महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों को त्वरित न्याय प्राप्त होगा।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे न्याय प्रणाली के इस नए युग की जानकारी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में सहयोग करें, ताकि बदलाव का प्रभाव हर स्तर पर महसूस किया जा सके।
समारोह में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
कर्टन रेजर कार्यक्रम के शुभारंभ में मुख्य सचिव पंत ने रिमोट बटन दबाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एडीजी (RPA) एस. सेंगाथिर, एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन, डीजीपी (दूरसंचार) अनिल पालीवाल, और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में राजस्थान पुलिस अकादमी के अधिकारियों, विभिन्न मीडिया प्रतिनिधियों और विभागीय विशेषज्ञों ने नए कानूनों की विषयवस्तु पर चर्चा की और प्रदर्शनी की रूपरेखा प्रस्तुत की।