



जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 से जुड़े अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति अशोक कुमार जैन की बेंच ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार करें और उन्हें 2025 की नई एसआई भर्ती परीक्षा में प्रोविजनल रूप से शामिल होने की अनुमति दें।
यह आदेश श्रवण कुमार चौधरी एवं अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट दीपक कुमार और विशाल कुमार ने पैरवी की।
पृष्ठभूमि — 2021 की भर्ती विवादों में घिरी थी
राजस्थान पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक और अनियमितताओं की शिकायतों के चलते पूरी प्रक्रिया विवादों में फंस गई थी। इस मामले में कैलाशचंद शर्मा बनाम राज्य सरकार प्रकरण में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार एक मंत्री समिति गठित करे, जो आगे की कार्रवाई तय करे। सरकार ने तीन मंत्रियों की समिति गठित की, जिसने 28 जून 2025 को अपनी बैठक में सिफारिश की कि 2021 की भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों को नई भर्ती में दोबारा अवसर दिया जाए और आयु सीमा में छूट प्रदान की जाए।
अभ्यर्थियों की दलील — सरकार की देरी से हुए आयु सीमा से बाहर
याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि भर्ती प्रक्रिया में सरकार की देरी के कारण कई अभ्यर्थी अब आयु सीमा से बाहर हो गए हैं। यदि परीक्षा निर्धारित समय पर आयोजित होती, तो वे सभी पात्र होते। हालांकि राज्य सरकार ने समिति की सिफारिशें स्वीकार कर लीं, लेकिन जब RPSC ने 17 जुलाई 2025 को नई भर्ती का विज्ञापन जारी किया, तो उसमें आयु सीमा में छूट का प्रावधान नहीं रखा गया। इससे कई योग्य अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए।
अभ्यर्थियों ने इसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन बताया। एडवोकेट दीपक कुमार और विशाल कुमार ने दलील दी —“जब देरी सरकार की ओर से हुई है, तो उसका खामियाजा अभ्यर्थियों को नहीं भुगतना चाहिए। उन्हें परीक्षा से वंचित करना अनुचित और अन्यायपूर्ण है।”
कोर्ट का निर्णय — अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता
हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में राज्य सरकार की देरी से अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं, इसलिए उन्हें अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने आदेश दिया कि —संबंधित विभाग याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार करे। उन्हें 2025 की नई एसआई भर्ती परीक्षा में प्रोविजनल रूप से शामिल किया जाए।यह अनुमति किसी स्थायी अधिकार या दावा का आधार नहीं बनेगी।
पहले के फैसले का हवाला:अदालत ने अपने आदेश में नरेश कुमार चैयरवाल बनाम राज्य सरकार मामले का हवाला भी दिया, जिसमें समान परिस्थितियों वाले अभ्यर्थियों को प्रोविजनल रूप से परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
इस फैसले से अब 2021 की एसआई भर्ती के अभ्यर्थियों को नई परीक्षा में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिससे लंबे समय से चल रही उनकी अनिश्चितता समाप्त हो गई है।