जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी बारिश से उत्पन्न हालात की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ बचाव और राहत कार्यों को प्राथमिकता दें और प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नदी, तालाब और जलाशयों के जलस्तर की सतत निगरानी रखें तथा एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होमगार्ड्स की टीमें पूर्ण संसाधनों के साथ अलर्ट मोड पर तैयार रहें। उन्होंने सभी जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय बनाए रखने और हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार करने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री शर्मा ने क्षतिग्रस्त बांधों, नहरों और सड़कों की मरम्मत को प्राथमिकता देने, विद्युत आपूर्ति और पेयजल सेवाओं को सुचारू बनाए रखने तथा प्रभावित लोगों तक भोजन एवं राहत सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन जलभराव वाले इलाकों में रहने वाले आमजन और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करे।
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने संभागीय मुख्यालयों को 20 लाख और अन्य जिलों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि जारी की है। अभी तक राज्य के 36 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है और बांधों की कुल भराव क्षमता का 67 प्रतिशत जलस्तर भरा जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे जर्जर भवनों, टूटी सड़कों और खतरे वाले नदी-नालों की विधानसभावार रिपोर्ट तैयार करें और वर्षाजन्य दुर्घटनाओं में घायलों व मृतकों के परिजनों को शीघ्र सहायता राशि प्रदान करें।
इस अवसर पर श्री शर्मा ने 'वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान' की समीक्षा करते हुए रिचार्ज संरचनाओं के लिए स्थानों का चिन्हीकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही 'हरियालो राजस्थान' अभियान के तहत इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान कर सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा गया।
बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और प्रदेशभर के संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और पुलिस अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल हुए।