जयपुर के जालूपुरा थाना क्षेत्र में एजीटीएफ की सूचना पर पुलिस ने एक पार्सल जब्त किया जिसमें अवैध सिम कार्ड, डेबिट कार्ड और बैंक पासबुक मिले। यह पार्सल नागपुर भेजा जा रहा था। पुलिस साइबर अपराध और रैकेट की जांच में जुटी है।
जयपुर। राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना पर जयपुर शहर की जालूपुरा थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध सिम कार्ड, डेबिट कार्ड और फर्जी बैंक दस्तावेजों से भरा पार्सल जब्त किया है। यह पार्सल नागपुर, महाराष्ट्र भेजा जा रहा था और शुरुआती जांच में सामने आया है कि इसका इस्तेमाल साइबर ठगी और आपराधिक गतिविधियों में किया जाना था।
इस कार्रवाई का नेतृत्व एडीजी दिनेश एम एन के निर्देशन और डीआईजी योगेश यादव व सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में गठित विशेष टीम ने किया। टीम का संचालन इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत ने किया। पुलिस को सूचना मिली थी कि पोलोविक्ट्री स्थित जैन पार्श्वनाथ ट्रेवल्स से एक संदिग्ध पार्सल "विजय संडे नागपुर" के नाम से बुक हुआ है, जिसमें अवैध सामग्री हो सकती है।
सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल ट्रेवल्स कार्यालय पर दबिश दी, जहां कर्मचारी बलवंत सिंह बैढ़ा ने बताया कि यह पार्सल 16 जुलाई को बुक हुआ था और बस खराब होने के कारण वहीं रखा है। पार्सल को मकान की रजिस्ट्री के कागज बताकर बुक किया गया था।
स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में जब पार्सल खोला गया तो पुलिस टीम चौंक गई। अंदर एक कैरी बैग से बैंक ऑफ महाराष्ट्र की 3 सेविंग अकाउंट पासबुक, 3 RuPay डेबिट कार्ड, इंडियन ओवरसीज बैंक के 6 Classic Debit Prepaid कार्ड, 4 मोबाइल सिम कार्ड के खाली रैपर, और विभिन्न बैंकों की पुस्तिकाएं बरामद की गईं।
पुलिस को आशंका है कि गरीब, अनपढ़ अथवा सीधे-सादे लोगों के नाम पर बैंक खाते, सिम कार्ड व डेबिट कार्ड जारी कराए गए हैं, जिनका उपयोग किसी बड़े साइबर क्राइम सिंडिकेट द्वारा किया जा रहा है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार यह मामला करोड़ों रुपये की साइबर ठगी से जुड़ा हो सकता है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। जब्त किए गए सभी दस्तावेज, पार्सल, मोबाइल नंबर और ट्रेवल्स की बिल्टी को जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल ट्रेसिंग और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री के माध्यम से इस रैकेट के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
इस कार्रवाई को सफल बनाने में हेड कांस्टेबल हेमंत शर्मा (सूचना दाता), उप निरीक्षक प्रताप सिंह, एएसआई बनवारीलाल, हेड कांस्टेबल महेश सोमरा, कांस्टेबल गंगाराम, गोपाल धाबाई, विजय सिंह, जितेंद्र कुमार, और जालूपुरा थाना प्रभारी उपनिरीक्षक माया मीणा व उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।
राजस्थान पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई साइबर अपराध के नए और छिपे हुए तौर-तरीकों को उजागर करती है, साथ ही यह दर्शाती है कि पुलिस की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से देशव्यापी अपराध सिंडिकेट को समय रहते रोका जा सकता है।