राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को बड़ा झटका देते हुए अलवर के तत्कालीन कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया को रिश्वत मामले में क्लीन चिट देने वाले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर नहीं करने का निर्णय लिया है। अब यह मामला केवल तत्कालीन भू-प्रबंध अधिकारी अशोक सांखला और एक दलाल के खिलाफ ही जारी रहेगा।
यह मामला अप्रैल 2022 का है, जब एसीबी ने नन्नूमल पहाड़िया, आरएएस अशोक सांखला और एक दलाल को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। शिकायतकर्ता की कंपनी दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे पर निर्माण कार्य कर रही थी। आरोप था कि पहाड़िया ने 4 लाख रुपए मंथली और सांखला ने 50 हजार रुपए मंथली की मांग की थी। एसीबी ने इस शिकायत की सत्यता की पुष्टि के बाद तीनों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर चार्जशीट दाखिल की थी।
पहाड़िया का तबादला 13 अप्रैल 2022 को अलवर से हो गया था और 18 अप्रैल को उन्होंने अपना पद छोड़ भी दिया था। कोर्ट ने इसी आधार पर मार्च 2025 में उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायत के सत्यापन में रिश्वत मांगने की बात स्पष्ट नहीं है, और रिश्वत की राशि भी अशोक सांखला के सहयोगी की स्कूटी से मिली थी, न कि पहाड़िया से।
इसके बाद एसीबी ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति मांगी थी और आरोपों की पुष्टि के पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, लेकिन विधि विभाग ने ‘नो-अपील’ की राय दी। अब केवल अशोक सांखला और दलाल के खिलाफ मुकदमा चलेगा, जबकि पहाड़िया को कानूनी राहत मिल गई है। अशोक सांखला की याचिका अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।