राजस्थान सरकार के गिव अप अभियान को जनता का बड़ा समर्थन मिला है, जिसके चलते 23 लाख अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) से अपना नाम हटवाया है। यह जानकारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मंगलवार को मंत्रालय भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में विभाग का उद्देश्य सितंबर 2025 तक सभी पात्र वंचितों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ना है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोदारा ने बताया कि जनसंख्या के अनुपात में राज्य में NFSA की सीलिंग 4.46 करोड़ लाभार्थियों की है, जो पूर्ण हो चुकी थी। ऐसे में नए पात्र लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस स्थिति को सुधारने के लिए 1 नवंबर 2024 से गिव अप अभियान शुरू किया गया, जिसके अंतर्गत जयपुर जिले में ही 2 लाख से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से नाम हटवाए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 27 लाख लाभार्थियों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई, जिससे स्वचालित रूप से उनका नाम सूची से हट गया और 50 लाख से अधिक स्थान रिक्त हो गए। इसी रिक्तता के चलते 26 जनवरी 2025 के बाद से अब तक 51 लाख नए पात्र लोगों को सूची में जोड़ा गया है। इन्हें न केवल खाद्य सुरक्षा योजना बल्कि मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना, मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा, और मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के लाभ भी मिल रहे हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा 10 लाख नए लाभार्थियों को जोड़ने की बजट घोषणा लक्ष्य से पहले ही पूर्ण कर ली गई है। साथ ही उचित मूल्य की 2446 दुकानों में रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया अगले तीन माह में पूरी की जाएगी।
प्रेस वार्ता में यह भी घोषणा की गई कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन जल्द शुरू किया जाएगा और उपभोक्ता विभाग द्वारा जीएटीसी (GATC) प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे तौल और माप प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और राजस्व में वृद्धि होगी।