जयपुर। राजस्थान में पर्यटन, संस्कृति और विरासत को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की अध्यक्षता में शनिवार को शासन सचिवालय, जयपुर में एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में तीज महोत्सव को दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम के रूप में आयोजित करने, जवाहर कला केन्द्र स्थित शिल्पग्राम के पुनर्विकास, जमवाय माता मंदिर क्षेत्र के समग्र विकास, और राजस्थान के ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए।
उपमुख्यमंत्री ने दिए स्पष्ट निर्देश कि तीज महोत्सव इस बार राज्य की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक प्रमुख माध्यम बने। उन्होंने कहा कि शिल्पग्राम को एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जहां कलाकारों को वर्ष भर अपनी कला प्रदर्शन करने का मंच मिले और उनकी आजीविका सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जमवाय माता मंदिर क्षेत्र के विकास कार्यों को गति दी जाएगी। बावड़ियों एवं अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए विशेषज्ञ संरक्षणविदों की सहायता ली जाएगी।भारत सरकार की सास्की योजना के तहत आमेर, नाहरगढ़ और जलमहल के विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राजस्थान की संस्कृति, कला और विरासत ही इसकी असली पहचान है और इनका संरक्षण व संवर्धन अगली पीढ़ी के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने पर्यटन विभाग को निर्देशित किया कि पर्यटन के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास पर भी विशेष बल दिया जाए।
बैठक में शामिल अधिकारी: संयुक्त निदेशक (पर्यटन विकास) राजेश शर्मा, विशेषाधिकारी ललित कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक (जवाहर कला केन्द्र) अलका मीणा, संयुक्त निदेशक (मेले-त्योहार) पुनीता सिंह, उप निदेशक (पर्यटन) उपेन्द्र सिंह शेखावत सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।