जयपुर के सदर थाने में एक युवक द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। घटना के बाद पुलिस कमिश्नर ने गंभीर रुख अपनाते हुए सदर थाना प्रभारी (CI) समेत कुल 6 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं, मृतक मनीष पांडे के परिजनों ने एसएमएस अस्पताल की मॉर्च्यूरी के बाहर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास भी पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर समर्थन जताया।
परिवार ने मांग की कि जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो, साथ ही मृतक की पत्नी को नौकरी और उचित मुआवजा दिया जाए। कई घंटों की बातचीत के बाद परिजनों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया।
परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि सामाजिक संगठनों द्वारा मृतक के परिवार को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी और सरकार की ओर से भी मदद का आश्वासन मिला है। इसके अतिरिक्त, मृतक की पत्नी को संविदा नियुक्ति दी जाएगी तथा दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना शनिवार शाम की है जब 28 वर्षीय मनीष पांडे ने जयपुर के सदर थाने में सुसाइड कर लिया था। पुलिस के अनुसार, मनीष उत्तर प्रदेश का निवासी था और जयपुर के मानसरोवर के मांग्यावास क्षेत्र में किराए से रह रहा था। वह शराब का आदी था और वाहन चोरी की घटनाओं में शामिल था। शनिवार को सदर इलाके में लोगों ने उसे बाइक चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा और जमकर पिटाई की। इसके बाद पुलिस उसे थाने ले गई, जहां कुछ ही घंटों बाद उसने आत्महत्या कर ली।
यह मामला पुलिस कस्टडी में मौत से जुड़ा होने के कारण संवेदनशील बन गया है और विपक्ष तथा सामाजिक संगठनों ने इसे लेकर सरकार पर दबाव बनाया, जिससे तेज़ी से कार्रवाई की गई।