जयपुर। यूडीएच राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के हालिया बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने डोटासरा को "किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाने" की सलाह देते हुए कहा कि उनके बयानों में दंभ और भ्रम झलकता है। खर्रा ने कहा, "इतिहास साक्षी है कि अहंकार न रावण का रहा, न कंस का। कांग्रेस के नेता संविधान की दुहाई देते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि आज़ादी के एक साल के भीतर ही उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज़ को दबाने के लिए पहला संविधान संशोधन किया था।" उन्होंने कांग्रेस को "सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली" वाली कहावत के अनुसार बताया।
निकाय चुनावों को लेकर यूडीएच राज्यमंत्री खर्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले जयपुर, जोधपुर और कोटा को राजनीतिक लाभ के लिए दो भागों में विभाजित किया था। लेकिन भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इन तीनों शहरों को एक-एक निकाय के रूप में चुनाव कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वार्ड सीमांकन का कार्य जुलाई में पूरा कर राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दिया जाएगा, जिसके बाद आयोग मतदाता सूचियां तैयार कर चुनाव प्रक्रिया संचालित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में एक राज्य, एक चुनाव की अवधारणा को लेकर आगे बढ़ने की मंशा भाजपा सरकार की है।
यूडीएच राज्यमंत्री खर्रा ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार जन-अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रही है, और भाजपा को पूर्ण विश्वास है कि 2028 में पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
डोटासरा पर सीधा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे खुद को मजबूत नेता मानते हैं तो स्पष्ट करें कि उनके 'गुरुजी' अशोक गहलोत सही थे या सचिन पायलट, जिन्हें उन्होंने 'नाकारा, निकम्मा' कहा था। "ये दोनों विपरीत बातें एक साथ नहीं हो सकती," उन्होंने जोड़ा।