Saturday, 14 June 2025

जल जीवन मिशन घोटाला: पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने माना-गंभीर आरोप और जांच अभी जारी


जल जीवन मिशन घोटाला: पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने माना-गंभीर आरोप और जांच अभी जारी

जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका को ईडी मामलों की विशेष अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश खगेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि अभी जांच लंबित है और आरोपी पर गंभीर आरोप हैं, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अजात शत्रु ने न्यायालय को बताया कि पूर्व मंत्री महेश जोशी के पास ठेकेदारों से रिश्वत की राशि पहुंचाई जाती थी। उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में कई बड़े ठेकेदार गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन कुछ प्रमुख नाम जैसे महेश मित्तल और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ अभी भी जांच जारी है। इसके अलावा, महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया पर ₹ 5 करोड़ के लेनदेन का आरोप है।

पूर्व मंत्री महेश जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने दलील दी कि ईडी ने सिर्फ सुनी-सुनाई बातों और काल्पनिक साक्ष्यों के आधार पर जोशी को आरोपी बनाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद गवाहों की वीडियोग्राफी नहीं करवाई गई, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। बाजवा ने कहा कि ईडी ने महेश जोशी को मार्च 2024 में नोटिस जारी करने के एक साल बाद 24 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया, जो दर्शाता है कि एजेंसी का रवैया असंगत है।

बाजवा ने यह भी तर्क दिया कि कुछ पीएचईडी इंजीनियरों ने खुद स्वीकार किया है कि वे निजी ठेकेदारों से रिश्वत लेते थे, बावजूद इसके उन्हें अभी तक आरोपी नहीं बनाया गया, जो जांच की पक्षपातपूर्ण प्रवृत्ति को दर्शाता है।

इस निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ईडी द्वारा महेश जोशी के खिलाफ की गई कार्रवाई को कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गंभीर माना है, और अब इस मामले में आगे की जांच के परिणामों पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी हुई है।

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