टोंक में आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए कार्यवाहक जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र में जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी आपात स्थिति में घटनास्थल पर पहुंचने का रेस्पॉन्स टाइम न्यूनतम होना चाहिए ताकि किसी प्रकार की जनहानि को टाला जा सके। उन्होंने चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी एवं कार्मिक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सोनी ने मानसून से पहले जिले में बाढ़ नियंत्रण, जलभराव, नालों की सफाई, बिजली और पेयजल आपूर्ति से जुड़ी सभी आवश्यक तैयारियों को समय रहते पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि खुले मेनहोल, सीवरेज चैंबर, ढीले विद्युत तार, और झुके हुए खंभों को तत्काल दुरुस्त किया जाए, और ट्रांसफॉर्मर ऊँचाई पर लगाए जाएं ताकि आपूर्ति बाधित न हो।
जल संसाधन विभाग को सभी तालाबों, बांधों और रपटों का निरीक्षण कर उनकी स्थिति की समीक्षा करने को कहा गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग को रपटों पर रेलिंग और चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए, जिन पर आपातकालीन संपर्क नंबर भी अंकित हों। गौशालाओं में जलभराव से बचाव, मृत गौवंश के वैज्ञानिक निस्तारण, और स्वच्छता गतिविधियों की निगरानी पर भी विशेष जोर दिया गया।
बैठक में अवैध खनन की रोकथाम, वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान की गतिविधियों का दस्तावेजीकरण, प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए SDRF और सिविल डिफेंस की तैयारी, और पिकनिक स्थलों पर चेतावनी बोर्ड लगाने जैसे अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई। पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया कि सीएलजी बैठकों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा, जिससे मानसून के दौरान जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में एडीएम रामरतन सौंकरिया, सीईओ परशुराम धानका, एएसपी बृजेंद्र कुमार भाटी, एडीएम मालपुरा, बीसलपुर सहित सभी जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।