करौली ज़िले के कारवारी-पीलुकापुरा में आयोजित गुर्जर महापंचायत के बाद हालात तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। महापंचायत में MBC वर्ग के हजारों लोगों ने भाग लिया और समाज की मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई। लेकिन इसके बाद युवाओं द्वारा रेल पटरियों पर उतरने और पुलिस द्वारा उन पर मुकदमा दर्ज करने से गुर्जर समाज में भारी आक्रोश फैल गया है।
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि महापंचायत में मुख्यमंत्री से किए गए समझौते को लेकर समाज में विश्वास की भावना टूटी है। उनके अनुसार युवाओं ने नाराज़गी में रेलवे ट्रैक पर विरोध जताया, लेकिन यह विरोध हिंसात्मक नहीं था।
उन्होंने कहा कि इस घटना की लाइव कवरेज कई टीवी चैनलों द्वारा की गई थी और भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश ने स्वयं मौके पर पहुंचकर युवाओं को शांतिपूर्वक ट्रैक से हटने की अपील की थी। उस समय पुलिस अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज न करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब उन प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज कर दिया गया, जिससे गुर्जर समाज में रोष व्याप्त है।
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर समाज की मांगों को दबाने और डराने का प्रयास कर रही है। उनका यह भी कहना है कि खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और गृह राज्य मंत्री इस महापंचायत पर निगरानी रखे हुए थे और इसके बावजूद समाज के युवाओं पर कानूनी कार्रवाई कराई गई, जो कि सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती है।
उन्होंने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मासे अपील करते हुए कहा कि आप अपना धर्म निभाइये, हम भी अपना कर्तव्य निभाएंगे।” साथ ही चेताया कि यदि सरकार ने समाज की आवाज को दबाने की कोशिश की तो जल्द ही सड़कों से लेकर रेल की पटरियों तक बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। उन्होंने कहा, “यह चेतावनी नहीं, सरकार के लिए एक गंभीर धमकी है, जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।