जल जीवन मिशन में कथित गड़बड़ी के मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका पर अब 31 मई को सुनवाई होगी। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से बहस नहीं हो पाने के कारण फैसला टल गया। ईडी ने मामलों की विशेष अदालत में जवाब पेश करने और बहस के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
इससे पहले मंगलवार को पूर्व मंत्री महेश जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा ने जमानत याचिका पर बहस की थी। उन्होंने अदालत में तर्क दिया कि जिस एसीबी एफआईआर के आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया, उसमें पूर्व मंत्री महेश जोशी का नाम तक शामिल नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि जिस वित्तीय लेन-देन की बात ईडी कर रही है, वह जुलाई 2023 में महेश जोशी के पुत्र की कंपनी को लोन के रूप में दिया था और कुछ महीनों बाद वह पूरा पैसा लौटा भी दिया था।
अधिवक्ता बाजवा ने यह भी बताया कि ईडी ने इस मामले में मार्च 2024 में समन भेजा था, जिसका जवाब दस्तावेजों सहित ईडी को भेजा जा चुका है। ईडी ने इसके बाद लगभग एक साल तक कोई कार्रवाई नहीं की और अब अचानक कार्रवाई करते हुए जमानत का विरोध कर रही है। अब ईडी को 31 मई को अपने तर्क अदालत के समक्ष रखने हैं, जिसके बाद अदालत जमानत पर फैसला करेगी।