जोधपुर जिले के लूणी थाना क्षेत्र में बजरी माफियाओं के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए कांस्टेबल ने आखिरकार 27 मई को दम तोड़ दिया। घटना 25 मई की सुबह की है, जब पुलिस टीम अवैध बजरी खनन रोकने के लिए खेजड़ली कला इलाके में नाकाबंदी कर रही थी। इसी दौरान सरपंच के पति हापुराम और अन्य लोग जेसीबी से अवैध बजरी भरवाते हुए पकड़े गए। पुलिस को देख माफिया मौके से भागने लगे, लेकिन डंपर ड्राइवर राणाराम बाबल ने कांस्टेबल को कुचलते हुए फरार हो गया।
कांस्टेबल के पेट और पैरों पर से डंपर निकाल दिया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। दो दिन तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। इस दिल दहला देने वाली घटना में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हापुराम, रवि गोदारा, शिवजी और राणाराम बाबल को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अन्य आरोपी अब भी फरार हैं। मृतक कांस्टेबल की आंखें दान कर दी गई हैं, जिससे किसी जरूरतमंद को रोशनी मिल सके।
घटना के दौरान, एक सफेद कार में रवि गोदारा पुलिस टीम को डंपर का पीछा न करने की धमकी देता नजर आया। बावजूद इसके, पुलिस टीम ने पीछा जारी रखा, लेकिन गुलजी की प्याऊ के पास डंपर से बजरी खाली कर ड्राइवर भाग निकला। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि पुलिसकर्मियों की जान को लगने वाले जोखिम की गंभीर चेतावनी भी है।
राज्य सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन तक अब इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। बजरी माफियाओं के खिलाफ प्रभावी और सुनियोजित अभियान चलाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।