Sunday, 25 May 2025

एसएमएस में गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाने के मामले की जांच,पांच सदस्यीय कमेटी गठित, दोषियों पर कार्रवाई: गजेन्द्र सिंह खींवसर


एसएमएस में गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाने के मामले की जांच,पांच सदस्यीय कमेटी गठित, दोषियों पर कार्रवाई: गजेन्द्र सिंह खींवसर

जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस), जयपुर में गर्भवती महिला को गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाने के गंभीर मामले में राजस्थान सरकार ने पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने शनिवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज में एक आपातकालीन उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर मामले की गहन समीक्षा की और निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच के निर्देश दिए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने बताया कि टोंक जिले के निवाई से उपचार के लिए लाई गई महिला 9 मई से एसएमएस अस्पताल में भर्ती थी। महिला की स्थिति गंभीर थी और उसे वेंटीलेटर पर डिलीवरी करवाई गई थी। इस दौरान उसे गलत ब्लड ग्रुप चढ़ा दिया गया, जिसकी प्रथम दृष्टया पुष्टि अस्पताल प्रशासन द्वारा गठित आंतरिक समिति ने भी की है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने एक नई उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव मुकेश मीणा करेंगे।
अन्य सदस्य हैं—पूर्व अधीक्षक डॉ. नरपत सिंह शेखावत, मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. सुधीर मेहता, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी और राजमेस उप निदेशक डॉ. वंदना शर्मा। यह कमेटी तीन दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने सभी अधीक्षकों को निर्देश दिए कि आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर और क्रिटिकल केयर यूनिट्स में प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति की जाए तथा एसओपी की पूर्ण पालना सुनिश्चित की जाए।
बैठक में चिकित्सा विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. राकेश जैन, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों और संबद्ध अस्पतालों के अधीक्षक शामिल हुए।
सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में शून्य सहिष्णुता नीति अपनाई जाएगी और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त प्रणालीगत सुधार किए जाएंगे।

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