Monday, 12 May 2025

डोटासरा का केंद्र पर हमला: “कश्मीर पर अमेरिका की पंचायती क्यों मानी गई?”, मोदी सरकार पर साधा निशाना


डोटासरा का केंद्र पर हमला: “कश्मीर पर अमेरिका की पंचायती क्यों मानी गई?”, मोदी सरकार पर साधा निशाना

जयपुर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर और अमेरिकी हस्तक्षेप को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि अमेरिका जैसे देश की मध्यस्थता में सीजफायर की घोषणा क्यों की गई, जबकि कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर कोई तीसरा देश पंचायती नहीं कर सकता।

“कांग्रेस पृष्ठभूमि के कर्मचारियों से भेदभाव”

डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि बॉर्डर इलाकों में भेजे जा रहे कर्मचारियों में जानबूझकर कांग्रेस पृष्ठभूमि के लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है। वे बॉर्डर पर जाने से नहीं डरते, लेकिन यह राजनीतिक द्वेष की नीति है।

डोटासरा ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर खुद को सीजफायर का सूत्रधार बताया और कश्मीर मुद्दे के समाधान की बात भी कही, जो हर भारतीय के लिए अपमानजनक और पीड़ादायक है।

उन्होंने पूछा केंद्र सरकार को अमेरिका की पंचायती की जरूरत क्यों पड़ी? यह पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा सवाल है।

सर्वदलीय बैठक में भाजपा अध्यक्ष तक को नहीं बुलाया गया

डोटासरा ने शनिवार को जयपुर में हुई सर्वदलीय बैठक पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते नहीं बुलाया गया, यह तो समझ में आता है। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को भी नहीं बुलाया गया, जो दिल्ली से आए थे। ये कैसी सर्वदलीय बैठक है?

नौकरशाही पर भी उठाए सवाल

डोटासरा ने सरकार पर आरोप लगाया कि ब्यूरोक्रेसी सरकार पर हावी हो चुकी है। मंत्रियों की नहीं सुनी जा रही है। अगर यही हाल रहा तो जनता में सरकार के खिलाफ आक्रोश पैदा होगा।

कारगिल और 1971 का उदाहरण

डोटासरा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और इंदिरा गांधी के उदाहरण देते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के समय वाजपेयी जी ने अमेरिका की मध्यस्थता ठुकरा दी थी। 1971 में इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और अमेरिका की बात नहीं मानी।
फिर आज क्यों अमेरिका की बात माननी पड़ी? देश को इसका जवाब चाहिए।”

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