राजस्थान सरकार के हस्तक्षेप के बाद इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए की गई नहर बंदी समाप्त कर दी गई है। इसके बाद पोंग डेम से 6000 क्यूसेक और हरिके बैराज से 600 क्यूसेक पानी राजस्थान के लिए छोड़ा गया है। इससे पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में पीने के पानी का संकट काफी हद तक दूर हो जाएगा। हालांकि, किसानों को फिलहाल सिंचाई के लिए पानी मिलने की उम्मीद नहीं है।
शनिवार को राज्य सरकार ने नहर बंदी समाप्त करने का निर्णय लिया, जिसके बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को इसकी सूचना दी गई। रविवार सुबह हरिके बैराज और पोंग डेम से पानी छोड़े जाने के बाद दो-तीन दिन में बीकानेर, और फिर जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर जैसे जिलों तक पानी पहुंच जाएगा।
मुख्य बिंदु:
इंदिरा गांधी नहर की बंदी 10 दिन पहले समाप्त।
हरिके बैराज से 600 और पोंग डेम से 6000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
पीने के पानी की राहत, लेकिन सिंचाई के लिए अब भी इंतजार।
बीकानेर में दो-तीन दिन में पानी पहुंचेगा, जोधपुर-बाड़मेर में 7 दिन लगेंगे।
प्रभावित जिले: बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर और सीकर।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अतिरिक्त मुख्य अभियंता विवेक गोयल ने बताया कि नहर बंदी समाप्त करने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने स्वीकार किया, और बीबीएमबी को रिपोर्ट भेजी। वहीं जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश राजपुरोहित ने कहा कि पानी की आवक के साथ ही प्रत्येक दिन जलापूर्ति नियमित की जा सकेगी
फिलहाल एक दिन छोड़कर एक दिन जलापूर्ति: इन जिलों में अभी भी पहले से संग्रहित पानी से ही वितरण किया जा रहा है। इसलिए एक दिन छोड़कर एक दिन पानी देने की नीति अपनाई जा रही है। बीकानेर में अभी 10 दिन का पानी स्टॉक है, इसलिए यहां जल्द जलापूर्ति नियमित हो सकती है।