जयपुर। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। शिक्षा संकुल परिसर में शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें 15 दिसंबर 2018 से 15 दिसंबर 2023 तक की पीटीआई (शारीरिक शिक्षा अध्यापक) भर्तियों में संदिग्ध पाए गए अभ्यर्थियों पर गहन समीक्षा की गई।
बैठक में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा भेजे गए प्रकरणों की भी विस्तार से समीक्षा हुई। फोकस उन अभ्यर्थियों पर रहा, जिन्होंने दिव्यांगता प्रमाण पत्र, खेल प्रमाण पत्र, या शैक्षणिक डिग्रियों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल की। ऐसे मामलों की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
243 चयनित पीटीआई अभ्यर्थियों की विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई।
फर्जी या डमी अभ्यर्थियों की सटीक पहचान सुनिश्चित करने की योजना।
दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की मेडिकल जांच कर वास्तविकता की पुष्टि।
खेल प्रमाण पत्रों की वैधता की गहराई से जांच।
निजी विश्वविद्यालयों द्वारा बिना काउंसलिंग के प्रवेश पर निगरानी।
एनसीटीई नियमों के उल्लंघन पर डिग्री देने वाले संस्थानों पर कार्रवाई की तैयारी।
सभी बीएड, बीपीएड डिग्रियों का केंद्रीकृत सत्यापन पोर्टल विकसित करने का निर्णय।
2018 से 2023 तक नियुक्त हुए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच पूरी कर फर्जी पाए जाने पर कार्रवाई।
एसओजी द्वारा भेजे गए 82 संदिग्ध अभ्यर्थियों के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई के निर्देश।
बैठक में शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, खेल विभाग, SOG, राजस्थान लोक सेवा आयोग, और कर्मचारी चयन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। साथ ही, ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन प्रणाली विकसित करने की दिशा में भी ठोस पहल करने का निर्णय लिया गया।