जयपुर। राजस्थान में गर्मी के बढ़ते प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विभागीय अधिकारियों को फील्ड में रहने और तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम में आमजन को निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से समर कंटिंजेंसी प्लान के तहत नवीन नलकूप, हैंडपंप की स्थापना, और जरूरत पड़ने पर टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
फील्ड में रहें अधिकारी, पेयजल व्यवस्था की निगरानी करें और आमजन की समस्याओं का स्थल पर समाधान करें।
नवीन नलकूप एवं हैंडपंप लगाए जाएं, पुराने संसाधनों की मरम्मत समय पर की जाए।
टैंकरों की व्यवस्था, पाइपलाइनों की मरम्मत, और बिजली कनेक्शन से नलकूपों को शीघ्र चालू करें।
राज्य और जिला स्तर के कंट्रोल रूम नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और दर्ज शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
हर गांव में दो जल मित्र नियुक्त किए जाएं, जो स्थानीय स्तर पर पेयजल व्यवस्था को सहारा दें।
पेयजल बजटीय घोषणाओं और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय पर पूरा करने के निर्देश।
मुख्यमंत्री ने नहरबंदी से प्रभावित जिलों में डिग्गियों का पूर्ण भराव सुनिश्चित करने की बात भी कही ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां से जल आपूर्ति की जा सके।
इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी, विभाग के प्रमुख सचिव, और राज्य भर के सभी जिला स्तरीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जल संकट के समाधान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और स्थानीय स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी