जयपुर। देशभर में 5.85 करोड़ निवेशकों से हजारों करोड़ रुपए जुटाकर फर्जी निवेश स्कीम चलाने वाली पर्ल एग्रो टेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) कंपनी का राजस्थान कनेक्शन एक बार फिर सुर्खियों में है। कंपनी की स्थापना वर्ष 1983 में जयपुर में पंजीकृत होकर हुई थी, और इसका बड़ा निवेश राजस्थान के कोटपूतली और फुलेरा क्षेत्रों में हुआ था, जहां करीब 1000 करोड़ रुपए की 223 संपत्तियां खरीदी गईं।
इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब पीएसीएल घोटाले से जुड़ी जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित सिविल लाइंस आवास पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार प्रताप सिंह खाचरियावास के परिवार की इस कंपनी में करीब 30 करोड़ की फ्रेंचाइज़ी भागीदारी बताई जा रही है।
2014 में SEBI ने पीएसीएल के खिलाफ कार्रवाई की, और 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने छह माह में निवेशकों को पैसा लौटाने का आदेश दिया। इसके लिए पूर्व CJI आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। लेकिन आज तक निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल सका।
17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49100 करोड़ का निवेश किया था। कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, MP, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज है।
बताया जा रहा है कि एक टीम जयपुर में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास खाचरियावास के व्यवसायिक गतिविधियों की निगरानी करती है, जबकि दूसरी टीम दिल्ली में केंद्रीय एजेंसियों को सूचनाएं पहुंचाती है।