Saturday, 19 April 2025

पर्ल एग्रो टेक घोटाले में जयपुर से जुड़ता कनेक्शन, पूर्व मंत्री खाचरियावास के आवास पर ईडी की कार्रवाई, समर्थकों का हंगामा


पर्ल एग्रो टेक घोटाले में जयपुर से जुड़ता कनेक्शन, पूर्व मंत्री खाचरियावास के आवास पर ईडी की कार्रवाई, समर्थकों का हंगामा

जयपुर। देशभर में 5.85 करोड़ निवेशकों से हजारों करोड़ रुपए जुटाकर फर्जी निवेश स्कीम चलाने वाली पर्ल एग्रो टेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) कंपनी का राजस्थान कनेक्शन एक बार फिर सुर्खियों में है। कंपनी की स्थापना वर्ष 1983 में जयपुर में पंजीकृत होकर हुई थी, और इसका बड़ा निवेश राजस्थान के कोटपूतली और फुलेरा क्षेत्रों में हुआ था, जहां करीब 1000 करोड़ रुपए की 223 संपत्तियां खरीदी गईं।

इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब पीएसीएल घोटाले से जुड़ी जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित सिविल लाइंस आवास पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार प्रताप सिंह खाचरियावास के परिवार की इस कंपनी में करीब 30 करोड़ की फ्रेंचाइज़ी भागीदारी बताई जा रही है।

समर्थकों ने किया विरोध, पुलिस से हुई बहस: ईडी की छापेमारी की खबर जैसे ही फैली, बड़ी संख्या में समर्थक पूर्व मंत्री के घर के बाहर एकत्र हो गए। भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान कुछ समर्थक पुलिस से उलझ पड़े। माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसे नियंत्रित करने के लिए खाचरियावास खुद बाहर आकर समर्थकों को शांत कराने में जुटे।

देशभर में निवेश और कोर्ट की कार्रवाई: पीएसीएल कंपनी ने देशभर में 43,692 संपत्तियां खरीदीं, जिनमें तमिलनाडु के बाद सबसे अधिक जमीनें राजस्थान में थीं। एलएमएलएम (Land Money Land Money) सिस्टम के तहत कंपनी ने 150 से 9000 वर्गगज तक के प्लॉट्स पर निवेश योजना बनाई, और 25% से 50% तक मुनाफे का झांसा दिया।

2014 में SEBI ने पीएसीएल के खिलाफ कार्रवाई की, और 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने छह माह में निवेशकों को पैसा लौटाने का आदेश दिया। इसके लिए पूर्व CJI आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। लेकिन आज तक निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल सका।

17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49100 करोड़ का निवेश किया था। कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, MP, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज है।

ईडी कार्रवाई के पीछे ‘राजनीतिक साजिश’ का आरोप: इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ऑल इंडिया इन्वेस्टर सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन(All India Investor Safety Organization) के प्रवक्ता प्रो. सीबी यादव ने बयान देते हुए कहा कि “खाचरियावास पर ईडी की छापेमारी राजनीतिक ड्रामा है।” सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई उनके पुराने करीबी रहे दो लोगों – सुनील गुर्जर और लोकेश शर्मा – की जानकारी पर आधारित है, जिनके साथ पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के संबंधों में बाद में खटास आ गई थी।

बताया जा रहा है कि एक टीम जयपुर में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास खाचरियावास के व्यवसायिक गतिविधियों की निगरानी करती है, जबकि दूसरी टीम दिल्ली में केंद्रीय एजेंसियों को सूचनाएं पहुंचाती है।

न निवेशकों को पैसा मिला, न जांच पूरी हुई: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 9 साल बाद भी लाखों निवेशकों को न तो उनकी जमा राशि मिली, न ही पूरी जांच के नतीजे सामने आए। करोड़ों रुपए की जनता की पूंजी आज भी फंसी हुई है।

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