सीकर को पुनः संभाग और नीमकाथाना को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर अभिभाषक संघ सीकर द्वारा पिछले 50 दिनों से जारी धरना-प्रदर्शन शुक्रवार को भी कोर्ट परिसर के बाहर जारी रहा। धरने के 50 वें दिन वकीलों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया। साथ ही, महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी श्रद्धा और संकल्प के साथ मनाई गई, जिसमें राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटीअध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल हुए।
अभिभाषक संघ के महासचिव नरेश कुमार भूकर ने कहा कि “इतने दिन तक धरने में बैठने के बाद भी अगर सरकार को सद्बुद्धि नहीं आई, तो यह भजनलाल सरकार की जिद और जनता के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है।” उन्होंने बताया कि वकील लगातार मांग कर रहे हैं कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा घोषित सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला के रूप में बहाल किया जाए।
भूकर ने बताया कि सीकर को संभाग बनाने के लिए पूरे प्रशासनिक ढांचे की नींव रखी जा चुकी थी। पिछले 17 महीनों में यहां संभागीय आयुक्त एवं अतिरिक्त संभागीय आयुक्त की नियुक्तियां, पुलिस महानिरीक्षक का कार्यालय, और संभागीय न्यायालय के लिए भूमि आवंटन जैसे बड़े कदम उठाए गए थे। यहां तक कि जयपुर और बीकानेर से करीब 2,000 फाइलें सीकर न्यायालय में ट्रांसफर कर दी गई थीं।
लेकिन सरकार ने राजनीतिक प्रभाव में आकर अचानक सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला बनाए जाने के निर्णय को निरस्त कर दिया, जो जनता की भावनाओं के साथ विश्वासघात है। भूकर ने कहा कि “सीकर के आम लोगों को रोजमर्रा के सरकारी कामों के लिए जयपुर जाना पड़ता है, जो समय और संसाधनों की बर्बादी है।”
धरना स्थल पर वकीलों ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि वह जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सीकर को फिर से संभाग और नीमकाथाना को जिला घोषित करे, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा।