नई दिल्ली। लोकसभा में 2 अप्रैल 2025 को वक्फ संशोधन बिल प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बिल पर 8 घंटे की बहस का समय निर्धारित किया है। इस दौरान एनडीए को 4 घंटे 40 मिनट जबकि विपक्ष को 3 घंटे 20 मिनट का समय मिलेगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में इस निर्णय की जानकारी दी गई, लेकिन विपक्ष ने इस पर असंतोष जताते हुए चर्चा की अवधि 12 घंटे करने की मांग की।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो बिल पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, इस बयान के बावजूद विपक्ष ने BAC की बैठक से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सदन में विपक्ष की आवाज दबा रही है और जबरन अपना एजेंडा थोप रही है।
इस बहुप्रतीक्षित बिल को लेकर राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी सहित कई दलों ने अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि बिल पर सख्त पार्टी लाइन के तहत वोटिंग होगी। वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और धार्मिक संस्थाओं की ओर से सकारात्मक और विरोधी दोनों प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं।
यदि बहस के बाद लोकसभा में बिल पारित हो जाता है, तो इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। इस बिल को लेकर देशभर में धार्मिक संगठनों, अल्पसंख्यक समूहों और कानूनी विशेषज्ञों की नजरें टिकी हुई हैं।