जीआरपी पुलिस ने जयपुर रेलवे स्टेशन से 4 साल के मासूम को अगवा करने वाले प्रेमी-प्रेमिका को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने बच्चा चोरी की योजना 8 महीने पहले ही बना ली थी और दो बार रेलवे स्टेशन पर रेकी भी की थी।
बच्चे को पाने की बेताबी में दोनों ने मजदूरी के बाद अलग-अलग जगहों पर घूमकर बच्चा चोरी करने की योजना बनाई, लेकिन सही मौका नहीं मिलने से उनकी उम्मीद टूटने लगी थी।
बच्चा चोरी करने की पूरी प्लानिंग: भीड़भाड़ वाली जगह तलाशते हुए दोनों ने जयपुर रेलवे स्टेशन को चुना। दो बार पेसेंजर बनकर स्टेशन पहुंचे, लेकिन अंदर नहीं गए, सिर्फ बुकिंग विंडो के पास घंटों बैठे रहकर रेकी की।धुलंडी के दिन दोनों की मजदूरी से छुट्टी थी, इसलिए 3 बजे ही स्टेशन पहुंच गए और पूरा दिन वहां निगरानी करते रहे। रात 10:30 बजे जब घर लौट रहे थे, तभी बुकिंग विंडो के पास बैठे तीन बच्चों पर नजर पड़ी।
टॉफी देकर फंसाया, मासूम को रेलवे स्टेशन से उठाया: सुंदर कश्यप बाहर निगरानी करता रहा, जबकि जीविका ने बच्चे को फुसलाने की कोशिश की।बच्चे ने ध्यान नहीं दिया तो टॉफी दिखाकर उसे बुलाया।जैसे ही बच्चा पास आया, जीविका ने उसे गोद में उठाया और रेलवे स्टेशन से बाहर निकल गई। सुंदर भी पीछे-पीछे स्टेशन से बाहर आ गया।
पकड़े जाने के डर से बदले रास्ते: ऑटो किराए पर लेकर बस स्टैंड जाने की कोशिश की, लेकिन दूसरी सवारियों के साथ जाने से बचने के लिए ऑटो छोड़कर गलियों से निकल गए।पैदल चलते हुए नारायण सिंह सर्किल पहुंचे और 150 रुपए किराया देकर ऑटो लिया।रात 3:30 बजे उत्तर प्रदेश रोडवेज की बस पकड़ी और ऑनलाइन पेमेंट कर महुवा (दौसा) का टिकट लिया।सुबह 5 बजे बस से उतरकर पैदल ही गांव की ओर बढ़े।
अलवर में बहन के घर छिपे: महुवा से छोटे वाहन में बैठकर अलवर के खड़ेली पहुंचे।सुंदर कश्यप की बहन का घर बंद पड़ा था, वहीं पर दोनों ने चोरी किए बच्चे को छिपाकर रखा।गुप्त ठिकाने पर छिपने के बावजूद पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर दोनों को धर-दबोचा।
पुलिस कार्रवाई और बच्चा बरामद: जीआरपी एसपी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने लोकेशन ट्रेस कर दोनों आरोपियों को महुवा और अलवर में दबिश देकर गिरफ्तार किया।बच्चे को सुरक्षित बरामद कर उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।